हिसार : कुंडलिनी ध्यान आत्म जागृति व ऊर्जा प्रवाह का रहस्य : आचार्य जितेन्द्र

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हिसार : कुंडलिनी ध्यान आत्म जागृति व ऊर्जा प्रवाह का रहस्य : आचार्य जितेन्द्र


साधना केंद्र में संडे ध्यान का कार्यक्रम आयोजित

हिसार, 5 जनवरी (हि.स.)। ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में समर्थगुरू

हिसार संघ ने अपने कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में संडे ध्यान का कार्यक्रम आयोजित

किया। यह सेशन समर्थगुरू संघ हिसार के संयोजक व ध्यान के आचार्य जितेन्द्र ने लिया।

आचार्य जितेन्द्र ने कुंडलिनी ध्यान करवाते हुए बताया कि कुंडलिनी ध्यान, ध्यान

योग की तकनीक है, जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा को जागृत करना और अंतत: आध्यात्मिक

उन्नति प्राप्त करना है। कुंडलिनी शब्द का अर्थ है सर्पिणी शक्ति, जो हमारे शरीर के

मूल में सुप्त अवस्था में रहती है। इसे सक्रिय और जागृत करके आत्म-ज्ञान और ब्रह्मांडीय

चेतना तक पहुंचा जा सकता है। कुंडलिनी ऊर्जा शरीर के मूल में, रीढ़ की हड्डी के नीचे

स्थित मूलाधार चक्र में एक कुंडली के समान सुप्त रहती है।

इसे जागृत करने के लिए ध्यान,

प्राणायाम, मंत्र जप और योग का अभ्यास किया जाता है। जब यह ऊर्जा जागृत होती है, तो

यह शरीर के सात चक्रों (ऊर्जात्मक केंद्रों) से होकर गुजरती है और व्यक्ति आध्यात्मिक

जागृति का अनुभव करता है। आचार्य ने बताया कि कुंडलिनी ध्यान करते हुए अपने आपको मानसिक

और शारीरिक तौर पर तैयार करना होगा जोकि हलके योग, प्राणायाम या संगीत से संभव है।

इसके बाद आरामदायक आसन में बैठें, जैसे पद्मासन या सुखासन। अपनी सांसों को गहराई से

और धीरे-धीरे लें। सांस को अंदर लेते समय सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें और छोड़ते

समय नकारात्मकता को बाहर जाने दें। उसके बाद अपनी चेतना को मूलाधार चक्र (रीढ़ की

हड्डी के आधार) पर केंद्रित करें। यह कुंडलिनी ऊर्जा का निवास स्थान है। कुंडलिनी ध्यान

करने से आपको आध्यात्मिक जागरूकता, मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य, सर्जनात्मकता

और अंतर्दृष्टि की क्षमता को बढ़ाता है व सातों चक्रों को संतुलित करने में मदद करता

है। कोई भी ध्यान आपको प्रशिक्षित आचार्य के निर्देशन में ही करना चाहिए।

ध्यान के बाद समर्थगुरू हरियाणा संघ के संयोजक आचार्य सुभाष ने साधकों को सम्बोधित

करते हुए बताया कि संघ के कार्यक्रम वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रमाणिक है

और ध्यान को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर सप्ताह पूरे देश में ध्यान योग का

कार्यक्रम तय किया गया है। 7 से 9 फरवरी को तीन दिवसीय ध्यान योग के कार्यक्रम हिसार

सहित पूरे देश में एक साथ 50 जगहों पर किए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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