रेवाडी: 56 साल बाद रोहतांग दर्रे से मिला सिपाही का शव

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रेवाडी: 56 साल बाद रोहतांग दर्रे से मिला सिपाही का शव


रेवाडी: 56 साल बाद रोहतांग दर्रे से मिला सिपाही का शव


-साल 1968 में रोहतांग दर्रे के पास हुआ था विमान हादसा

रेवाडी, 1 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय सेना को साल 1968 में रोहतांग दर्रे के पास हुए एक विमान हादसे के चार और शव मिले हैं। यह हादसा 56 साल पहले हुआ था। जिला रेवाडी की बावल तहसील के गांव गुर्जर माजरी के सिपाही स्वर्गीय मुन्शीराम भी इसी विमान में सवार थे। उपायुक्त अभिषेक मीणा ने मंगलवार को बताया कि सैन्य अभियान दल ने बर्फ से ढके पहाड़ों से जो चार शव बरामद किए हैं, उनमें स्वर्गीय मुन्शीराम के अवशेष भी हैं। उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही गांव में लाया जायेगा। स्वर्गीय मुन्शीराम के पिता का नाम भज्जूराम, माता का नाम रामप्यारी तथा पत्नी का नाम पार्वती देवी है। स्वर्गीय मुन्शीराम के भाई कैलाशचन्द को इस सम्बन्ध में सेना की ओर से सूचना मिल गई हैं।

गौरतलब है कि यह विमान हादसा 7 फरवरी, 1968 को हुआ था। चंडीगढ़ से 102 यात्रियों को ले जा रहा भारतीय वायु सेना का एएन-12 विमान खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। कई दशकों तक विमान का मलबा और विमान सवारों के अवशेष बर्फीले इलाके में थे।

2003 में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के पर्वतारोहियों ने विमान के मलबे को खोज निकाला। इसके बाद सेना, खासकर डोगरा स्काउट्स ने कई अभियान चलाए। 2005, 2006, 2013 और 2019 में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में ऊंचाई वाले अभियानों में विशेषज्ञता के लिए डोगरा स्काउट्स सबसे आगे रहे। 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद हो पाए थे। चंद्र भागा ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सेना अपने जवानों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए कितनी दृढ़ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

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