अर्जित अवकाश में कटौती के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों का धरना

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अर्जित अवकाश में कटौती के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों का धरना


कर्मचारी नेताओं की चेतावनी- 26 नवंबर को करनाल में घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास

फतेहाबाद, 9 नवंबर (हि.स.)। सहमति के बाद भी मांगों को लागू न करने व अर्जित अवकाश में कटौती के विरोध में गुरुवार को रोडवेज कर्मचारियों ने फतेहाबाद डिपो में सुबह 10 बजे से धरना दिया। कर्मचारियों का आरोप है कि 23 जून को परिवहन मंत्री के साथ बैठक में हुई सहमति के बाद भी अभी मांगें नहीं मानी गईं।

गुरुवार को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर सरकार के विश्वासघात व वादाखिलाफी को लेकर सभी यूनियनों ने फतेहाबाद डिपो में सुबह 10 बजे से दोपहर तक धरना दिया गया। इस धरने पर प्रधान शिवकुमार श्योराण, संदीप जांडली, विजय नागपुर, अशोक सिहाग, आजाद यादव, सतेंद्र के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। अपनी मांगों के समर्थन में बड़ी संख्या में रोडवेज कर्मचारियों ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

धरना को हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के वरिष्ठ नेता सरबत सिंह पूनिया, दीपक बल्हारा, सुभाष बिश्नोई, कुलदीप पाबड़ा ने सम्बोधित कर अपनी पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, लिपिकों, परिचालकों-चालकों का वेतनमान बढ़ाने, अर्जित अवकाश पहले की तरह लागू करने, कौशल रोजगार निगम भंग कर खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, जोखिम भत्ता देने, डी ग्रुप कर्मचारियों को कोमन कैडर से बाहर निकाल प्रमोशन करने, स्टैंड इंचार्ज का पद सृजित करने, तकनीकी वेतनमान देने, सभी खाली पदों पर पदोन्नति करने आदि मांगों को पूरा न करने पर सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्ति किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की लम्बित मांगों को लागू करने की बजाए लगातार सार्वजनिक महकमों को बंद करने पर तुली हुई हैं। सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है।

नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार 265 रुट परमिट निजी हाथों में देकर हरियाणा रोडवेज को कमजोर करने का काम कर रही है, जिसका रोडवेज कर्मचारी डटकर विरोध करेंगे। उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने, पुरानी पेंशन बहाली, कौशल रोजगार निगम की समाप्ति, खाली पदों पर पक्की भर्ती, लिपिकों, परिचालकों व चालकों का वेतनमान बढ़ाने एवं सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां ठीक करवाने, 265 रूट परमिट देने के निर्णय पर रोक लगाने, विभाग के निजीकरण को बंद कर 10 हजार सरकारी बसें शामिल करने की मांग की।

नेताओं ने चेतावनी दी कि हरियाणा रोडवेज को बचाने और लम्बित मांगों को लेकर 26 नवंबर को करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। इस मौके पर कर्मचारी नेता सुबेसिंह धनाणा, राजा राम, अनिल भाटिया, अनिल खटक, नरेश कुमार, जोगिंदर रेढू, कुलदीप कन्हड़ी, हवा सिंह पूनिया, इन्द्र पाल सहारण, पवन कुमार, अग्रसेन, चंचल, हनुमान वर्मा आदि नेताओं ने सरकार की वादाखिलाफी व हठधर्मिता की जमकर आलोचना की।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/सुनील

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