पलवल में सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रदर्शन, आठवें वेतन आयोग से वंचित रखने का आरोप
पलवल, 17 दिसंबर (हि.स.)। पलवल जिले में बुधवार को रिटायर्ड कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने आठवें वेतन आयोग के लाभों से वंचित रखने और वित्त विधेयक-2025 में पेंशनर्स की पेंशन का पुनरीक्षण न किए जाने का विरोध जताया। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान बलजीत शास्त्री और जवाहर सिंह रावत ने की, जबकि संचालन जिला सचिव हरीचंद वर्मा ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में रिटायर्ड कर्मचारी मौजूद रहे।
संघ के राज्य पदाधिकारी दरियाव सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 25 मार्च 2025 को संसद में वित्त विधेयक पारित किया, जिसमें पेंशनर्स की पेंशन में कटौती और उन्हें आठवें वेतन आयोग के लाभों से वंचित करने का प्रावधान किया गया है। इसके विरोध में देशभर में रिटायर्ड कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरियाव सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1972 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन सेवानिवृत्त कर्मचारी का संपत्ति का अधिकार है, न कि कोई उपहार। उन्होंने कहा कि इस अधिकार को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के रोका या कम नहीं किया जा सकता। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने सेवानिवृत्त पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग के लाभों से वंचित कर उनके साथ भेदभाव किया है, जबकि उन्होंने वर्षों तक देश और प्रदेश के विकास में योगदान दिया है।
कर्मचारी नेताओं ने मांग की कि रिटायर्ड कर्मचारियों की कम्यूट की गई राशि की कटौती 11 वर्ष तक ही सीमित की जाए। साथ ही कोरोना काल के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते के एरियर का ब्याज सहित भुगतान किया जाए। इसके अलावा सभी रिटायर्ड कर्मचारियों को सभी बीमारियों के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई गई। प्रदर्शन में मास्टर महेंद्र सिंह चौहान, ताराचंद, रामआसरे यादव, रमेशचंद, उदयसिंह, गोविंदराम, नेमचंद शर्मा, देवी सिंह बेचैन, रमनलाल, डॉ. रघुबीर सिंह, अशोक तेवतिया, भीम सिंह और रूपराम तेवतिया सहित सैकड़ों रिटायर्ड कर्मचारी शामिल रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग

