हिसार: उत्तरी भारत में शोध के क्षेत्र में गुजवि श्रेष्ठ स्थान पर: नरसी राम बिश्नोई

हिसार: उत्तरी भारत में शोध के क्षेत्र में गुजवि श्रेष्ठ स्थान पर: नरसी राम बिश्नोई
WhatsApp Channel Join Now
हिसार: उत्तरी भारत में शोध के क्षेत्र में गुजवि श्रेष्ठ स्थान पर: नरसी राम बिश्नोई


हिसार: उत्तरी भारत में शोध के क्षेत्र में गुजवि श्रेष्ठ स्थान पर: नरसी राम बिश्नोई


शोध मात्रात्मक की बजाय गुणवत्तापरक होना चाहिए

हिसार, 3 जून (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि शोध मात्रात्मक की बजाय गुणवत्तापरक होना चाहिए। हरियाणा में ही नहीं, बल्कि अधिकतर उत्तरी भारत में तो शोध के क्षेत्र में गुजविप्रौवि श्रेष्ठ स्थान पर है। गुजवि की प्राथमिकता गुणवत्तापरक शोध है। हमें इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ स्थान पर स्थापित करना होगा। शोध में विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ स्थान दिलवाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा शोधार्थियों की है। प्रो. नरसी राम बिश्नोई सोमवार को विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) द्वारा नए दाखिला लेने वाले शोधार्थियों के लिए शुरू किए गए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस छह दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएमटीटीसी की निदेशिका प्रो. सुनीता रानी ने की। कार्यक्रम में एमएमटीटीसी की प्रो. वंदना पूनिया व अनुराग सांगवान उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय को हाल ही में टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 द्वारा जारी प्रतिष्ठित 'एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2024' में भारत में 71वां स्थान और दुनिया में 501-600वां स्थान मिला है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि में विश्वविद्यालय के गुणवत्तापरक शोध की मुख्य भूमिका है। उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि वे अपने शोध पत्रों को उच्च स्तरीय जर्नल्स में प्रकाशित करवाएं ताकि उनके शोध को एक पहचान मिल सके।

निदेशिका प्रो. सुनीता रानी ने बताया कि यूजीसी द्वारा प्रायोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण शोध की विशेष विधियों से अवगत कराने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) के शोध में होने वाले प्रयोगों के बारे में भी विशेष रूप से अवगत कराया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में उच्च स्तरीय विषय विशेषज्ञ शोधार्थियों को शोध की सूक्ष्मतम तकनीकियों से अवगत कराएंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उच्च स्तरीय शोध के लिए न केवल शोधार्थियों को प्रेरित करेगा बल्कि शोध तकनीकों से भी अवगत कराएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story