हिसार : साहित्यकार डॉ. विक्रमजीत द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन
वक्ताओं ने दोनों पुस्तकों को मानव जीवन के लिये उपयोगी बताया
हिसार, 11 दिसंबर (हि.स.)। सर्वोदय भवन में साहित्यकार डॉ. विक्रमजीत द्वारा लिखित दो पुस्तकों क्रमश: शब्द स्तब्ध लोक (काव्य) व रुहानी विज्ञान (गद्य) का सोमवार को विमोचन किया गया। सेवानिवृत प्रिंसीपल आईजे नाहल व सत्यपाल शर्मा ने मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होकर पुस्तकों का विमोचन किया।
सेवानिवृत प्रिंसीपल आईजे नाहल ने कहा कि डॉ. विक्रमजीत ने विशेष शैली द्वारा अध्यात्म पर मानव जाति को एक अति महत्वपूर्ण जानकारी दी है। ऐसी श्रेष्ठ पुस्तकों के अध्ययन से मानव जाति का उद्धार एवं कल्याण संभव है। विश्व शांति हित में यही बोध कारगर है। मंच संचालन करते हुए सत्यपाल शर्मा ने कहा कि ये पुस्तकें मानव जीवन के लिये बड़ी उपयोगी एवं आत्म अवलोकन करने के लिये आज के युग में एक पथ प्रदर्शक के रुप में सिद्ध होगी। अत: सभी सुधी पाठकों से निवेदन है कि इन पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करें।
साहित्यकार डॉ. विक्रमजीत अब तक 30 पुस्तकें लिख चुके हैं। डॉ. व्रिकमजीत हिंदी के ख्याति प्राप्त विद्वान हैं। इनके बारे में डॉ. नामवर सिंह ने कहा था कि राजनीतिक व्यंग्य पुस्तक डॉ. विक्रमजीत की साहित्य जगत को विशिष्ट देन है। अब अध्यात्म पर उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा हास्य-व्यंग्य सम्मान 2016-17 से नवाजे जा चुके हैं। इन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदत्त सम्मान पत्र (दो लाख रुपये नकद) व आजीवन नि:शुल्क बस यात्रा पास भी दिया गया है। इस अवसर पर प्रिंसीपल धर्मबीर शर्मा, डॉ. पूनम मलिक, डॉ. महेन्द्र सिंह, शैलेश वर्मा, धर्मबीर शर्मा, बनीसिंह जांगड़ा, सुरेश जैन, मेहरचंद मनचंदा, बनवारी लाल, आदि भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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