हिसार: गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय ने प्राप्त किया सौर पैनल का अभूतपूर्व पेटेंट

हिसार: गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय ने प्राप्त किया सौर पैनल का अभूतपूर्व पेटेंट
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हिसार: गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय ने प्राप्त किया सौर पैनल का अभूतपूर्व पेटेंट


पेटेंट विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

हिसार, 27 मई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने फोटोवोल्टिक (पीवी) सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपना पहला पेटेंट प्राप्त करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 'लक्ष्य स्थान के लिए सौर पैनलों की उपयुक्तता निर्धारित करने की विधि' शीर्षक वाला यह पेटेंट विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय पाल सिंह के नेतृत्व में किए गए व्यापक शोध का परिणाम है। डॉ. विजय पाल सिंह ने सोमवार को कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को पेटेंट प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शोध दल के प्रयासों की प्रशंसा की तथा कहा कि यह पेटेंट हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अभूतपूर्व शोध को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दर्शाती है। उन्होंने पर्यावरणविद गुरु जम्भेश्वर जी महाराज से प्रेरणा लेकर पर्यावरण स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को रेखांकित किया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रदान किया गया यह पेटेंट विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह विश्वविद्यालय के नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान में नवाचार और उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए समर्पण की पुष्टि करता है। यह उपलब्धि अत्याधुनिक अनुसंधान और तकनीकी उन्नति में अग्रणी के रूप में गुजविप्रौवि की स्थिति को मजबूत करती है तथा स्वच्छ और अधिक टिकाऊ ऊर्जा के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।

डॉ. सिंह का शोध चुनौतीपूर्ण पर्यावरणीय परिस्थितियों में सौर पैनल के प्रदर्शन को उत्कृष्ट करने पर केंद्रित है। पेटेंट की गई विधि विशिष्ट पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए विभिन्न पीवी सौर पैनलों की उपयुक्तता का मूल्यांकन करने के लिए फजी लॉजिक-आधारित मॉडल का उपयोग करती है। फजी लॉजिक सिद्धांतों को वास्तविक दुनिया के प्रदर्शन डेटा के साथ एकीकृत करके, यह अभिनव दृष्टिकोण सौर ऊर्जा उपयोग को अनुकूलित करने के लिए एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है।

इस पेटेंट का महत्व विशिष्ट भौगोलिक स्थानों के लिए सबसे उपयुक्त सौर पैनलों के चयन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की इसकी क्षमता में निहित है। इससे न केवल स्वच्छ और अधिक कुशल ऊर्जा समाधानों की ओर संक्रमण की सुविधा मिलती है, बल्कि तकनीशियनों और गैर-विशेषज्ञों को स्वतंत्र रूप से उचित निर्णय लेने का अधिकार भी मिलता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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