फिर बिगड़ी कैथल की फिज़ा, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ

फिर बिगड़ी कैथल की फिज़ा, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ
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फिर बिगड़ी कैथल की फिज़ा, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ


फिर बढ़ गया कैथल का एयर क्वालिटी इंडेक्स

कैथल, 24 नवंबर (हि.स.)। कैथल के वातावरण में लगातार फैल रहे धुएं ने लोगों का जिला मुहाल कर दिया है। दिवाली के पहले से ही वातावरण में फैल रहे धुएं से लोगों को अभी कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। जिला प्रशासन पराली जलाने वाले लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। 300 मामले दर्ज करने के बाद और 7 लाख से अधिक का जुर्माना वसूलने के बाद भी यह सिलसिला नहीं थमा है।

कैथल के लोगों को एयर पॉल्यूशन से राहत नहीं मिल पा रही है। दिवाली के बाद अब फिर से जिले का एक्यूआई बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद चिकित्सकों ने भी सांस के मरीजों को बाहर न घूमने की सलाह दी है। हवा में फैले धुएं के कारण आंखों में जलन की समस्या भी उत्पन्न होती है। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव मित्तल ने बताया कि इस बार अस्पताल में सर्दी के मौसम में पहुंचने वाले सांस के मरीज अभी से पहुंचने लगे हैं।

25 दिन से एयर पॉल्यूशन का स्तर 300 से नीचे नहीं आया

कैथल में 31 अक्टूबर को कैथल का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 335 के रिकॉर्ड स्तर पर था। 25 दिन बाद शुक्रवार सुबह जिले में एयर पॉल्यूशन का स्तर 302 दर्ज किया गया है। बुधवार को एयर पॉल्यूशन का स्तर में कुछ सुधार जरूर हुआ और वह 262 तक पहुंच गया। इसके बाद फिर यह आंकड़ा गुरुवार को 300 पार था। लेकिन आज ये 302 पर पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लोगों को इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिएं।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव

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