झज्जर:पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर राेक,ग्रीन पटाखे चलाने की समय सीमा तय

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झज्जर:पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर राेक,ग्रीन पटाखे चलाने की समय सीमा तय


- सर्दियों में प्रदूषण नियंत्रण उपाय जरूरी, बढता प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

- पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर प्रतिबंध, केवल ग्रीन पटाखे चलाने की समय सीमा निर्धारित

झज्जर, 9 अक्टूबर (हि.स.)। जिलाधीश कैप्टन शक्ति सिंह ने झज्जर जिला की सीमा में वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आमजन से इन नियमों का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण में सहभागी बनने का आहवान किया है। जिलाधीश कैप्टन शक्ति सिंह ने झज्जर की सीमा में 22 अक्टूबर से 31 जनवरी 2025 तक की अवधि के लिए ग्रीन पटाखों को छोडक़र (श्रृंखला पटाखे या लारी) और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोडऩे और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। जारी आदेशों के मुताबिक दिवाली पर्व और गुरु नानक देव प्रकाश पर्व पर दो घंटे और क्रिसमस व नववर्ष पर केवल 35 मिनट आतिशबाजी की जा सकेगी। इस दौरान भी केवल ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं। जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए पटाखों की बिक्री, बनाने और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति दी गई है। प्रदूषण को बढ़ावा देने में पटाखों की भी अहम भूमिका है। वायु प्रदूषण के कारण श्वसन और हृदय रोग जैसी कई बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों को भी सर्दी के मौसम में प्रदूषण के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्दियों के दौरान विशेषकर अक्टूबर से जनवरी के महीनों में वायु प्रदूषण में वृद्धि एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय है। सर्दियों के दौरान होने वाली विभिन्न घटनाएं क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाती हैं।

दिवाली के दिन या किसी अन्य त्योहार जैसे गुरु पर्व आदि पर दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक आतिशबाजी कर सकेंगे। वहीं, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी। वहीं फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ई-कॉमर्स कंपनियां पटाखों के किसी भी ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार नहीं करेंगी। आदेशों का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता, विस्फोटक अधिनियम 1884 और विस्फोटक नियम, 2008 की सुसंगत धाराओं के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिलाधीश ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करने और सर्वोच्च न्यायालय व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार संबंधित वेबसाइटों पर डाटा अपलोड करने के आदेश दिए हैं। रोक को लागू करने के लिए विभिन्न अधिकारियों की टीमें बनाई गई हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

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