जींद: किसानों को तितर-बितर करने के लिए फिर चलाए गए आंसू गैस के गोले
जींद, 14 फ़रवरी (हि.स.)। दातासिंह वाला बॉर्डर पर बुधवार को भी किसानों और जवानों में जोर आजमाइश चलती रही। किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। गोले जैसे ही किसानों के आसपास गिरे तो तुरंत प्रभाव से उस पर गीली बोरी डाल दी जाती ताकि आंसू गैस से निकलने वाला धुंआ ज्यादा न फैल सके। जैसा ही कोई गोला किसानों के पास गिरता तो किसान उस पर गीली बोरी डाल देते।
किसान दिल्ली कूच के लिए आमादा थे तो वहीं पुलिस और पैरामिल्ट्री के जवान उन्हें रोकने के लिए भरसक प्रयास करते रहे। इस दौरान कभी हालात बेकाबू हुए तो कभी नियंत्रण में रहे। पंजाब से आए किसानों ने बॉर्डर सड़क पर लगी कीलों को उखाडऩा शुरू किया तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। जिस पर किसानों ने आंसू गैस के गोलों पर गीली बोरियंा डालनी शुरू कर दी। इस दौरान दावा किया गया कि जवानों ने प्लास्टिक की गोलियां भी किसानों पर दागी हैं और 20 किसान घायल हुए हैं। जबकि तीन जवा भी घायल हो गए हैं। घायल किसानों को पंजाब के अस्पताल में तो घायल पुलिसकर्मियों को नरवाना अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दातासिंह वाला बॉर्डर पर पूरा दिन गहमागहमी भरा माहौल बना रहा।
पुलिस द्वारा किसानों को तितर-बितर करने के लिए आसु गैस के गोले दागे तो गए लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव नही रहा। क्योंकि हवा का रूख हरियाणा की तरफ होने के चलते धुआं हरियाणा की तरफ ही आने लगा। जिसके चलते जवानों को भी परेशानी हुई। वहीं किसानों की आवाजाही रोकने के लिए खेतों में पानी छोड़ा गया। जब खेतों में आसु गैस के गोले दागे गए तो वो निष्क्रिय हो गए। पुलिस द्वारा ड्रोन के माध्यम से किसानों पर निगरानी रखे जाने का प्रयास किया गया लेकिन किसानों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। जैसे ही कोई ड्रोन किसानों की तरफ आता दिखता तो किसान पतंग उडा कर उसे गिराने में लग जाते।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
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