कैथल: राइस मिल उगल रही 'मौत' की हवा, जहरीली फिज़ा परोस रही बीमारी

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कैथल: राइस मिल उगल रही 'मौत' की हवा, जहरीली फिज़ा परोस रही बीमारी


लोगों की कोई नहीं सुनने वाला, अफसरों की खामोशी से कहीं थम न जाएं सांसें

नरेश भारद्वाज

कैथल, 11 मई (हि.स.)। जिला कैथल के गुहला चीका हल्के में लगातार बढ़ रहे राइस मिल लोगों की परेशानी का सबक बनने लगे हैं। इन राइस मिल से पहले धुएं के कारण क्षेत्र की हवा दूषित होने लगी है जिससे आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए अगर स्थानीय लोग कोई मुद्दा उठाते हैं तो जिला प्रशासन की कार्रवाई उन्हें मायूस कर देती है।

उनकी इस शिकायत और मांग पर ना तो अधिकारी कार्रवाई करते हैं और ना ही कोई असर हो पाया है। तो ऐसे में क्या कहें कि शासन प्रशासन हमारी जान बूझ कर नहीं सुन रहा है या फिर किस दबाव या मजबूरी में सुनना नहीं चाहते हैं। इसका बड़ा उदाहरण कार्रवाई नहीं होने से लेकर देखा जा सकता है। हवा में जहरीला धुआं फैलने के कारण लोगों को बीमारियां जकड़ रही हैं। ऐसे में लोगों में घबराहट है कि कहीं धीरे-धीरे उनकी सांसें न थम जाएं। खुली हवाओं में तेजी से घुल रहा जहर घातक है, जो इलाके को जहरीला बना रहा है।

चांदी राम, मंगत राम, सुरजीत सिंह, करनैल सिंह आदि स्थानीय लोगों ने कहा कि शासन व प्रशासन को सेंकड़ों चिट्ठी लिखकर पत्राचार कर चुके हैं किंतु आवेदनों की स्थितियां लगभग आज भी वही है। समस्या आज की स्थिति में अधिक भयावह है। लिहाजा समस्या से तत्काल राहत पाने के लिए पर्यावरण विभाग और अन्य विभागों की ओर से मांग भी कर रहे हैं। उनकी इस शिकायत और मांग पर ना तो अधिकारी कार्रवाई करते हैं और ना ही कोई असर हो पाया है।

तो ऐसे में क्या कहें कि शासन प्रशासन हमारी जान बूझ कर नहीं सुन रहा है या फिर किस दबाव या मजबूरी में सुनना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राइस मिल से निकलने वाला प्रदूषण जहरीली दवा का काम कर रहा है। इससे लोग अस्थमा, श्वास की बीमारी, किडनी में परेशानी, आंखों की समस्या जैसे कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं मौत के घाट तक पहुंच रहें है। हमारे जनप्रतिनिधियों को इस पर आवाज उठानी चाहिए।

आम आदमी का जीवन हो सकता है प्रभावित

कैथल सिविल अस्पताल की सीएमओ डॉक्टर रेनू चावला ने बताया कि राइस मिल से निकलने वाला धुआं या डस्ट तय मापदंड से अधिक होने से आम आदमी का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। इससे एलर्जी,एम्फिसिमिया,अस्थमा की बीमारी बनी रह सकती है। साईनोसाईंटिस नजला,जुकाम की शिकायत हो सकती है।

एसडीएम बोले अभी कोई शिकायत ही नहीं मिली

गुहला के एसडीएम कृष्ण कुमार का कहना है कि राइस मिलों से निकलने वाले डस्ट व धुएं से वहां रहने वाले लोगों को कई प्रकार की गंभीर बीमारी और परेशानी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अगर शिकायत आती है तो पर्यावरण विभाग को पत्र लिखकर संबंधित राइस मिलों की जानकारी लेकर जांच टीम गठित कर राइस मिलों की जांच कराई जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश/संजीव

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