वन विभाग की अनुमति के बिना ही काट दिए लुप्त प्राय: प्रजाति के वृक्ष

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वन विभाग की अनुमति के बिना ही काट दिए लुप्त प्राय: प्रजाति के वृक्ष


वन विभाग की अनुमति के बिना ही काट दिए लुप्त प्राय: प्रजाति के वृक्ष


-गांव सिद्दीपुर के लोगों ने एनजीटी को की शिकायत

-पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और पशुओं के चरागाह को नष्ट करने का आरोप

झज्जर, 10 जुलाई (हि.स.)। गांव सिद्दीपुर में दशकों पुराने पशु चरागाह में खड़े काफी संख्या में बहुत पुराने वृक्षों को निर्दयता से काट दिया गया। इस तरह वृक्ष नष्ट होने को न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक बताया जा रहा है, बल्कि पशुओं का चरागाह भी खत्म हो गया है। इसके लिए वन विभाग से आवश्यक अनुमति भी नहीं ली गई। अब ग्रामीणों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को शिकायत करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इस भूमि में दुबारा वृक्षारोपण करने की मांग की है।

गांव सिद्दीपुर निवासियों दयानंद व राम कंवार ने गांव में वृक्षों को नष्ट करने के खिलाफ एनजीटी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि गांव में कई दशक पहले चकबंदी के समय चरागाह की भूमि छोड़ी गई थी। इस जमीन सघन वन क्षेत्र भी है। यही क्षेत्र पशुओं की चरागाह भी है। गांव के पशुपालक इसी जमीन में अपने पशु चराते हैं। शिकायत में कहा गया है कि सरपंच ने अपने चहेतों को भूखंड देने की मंशा से इस भूमि में खड़े सैकड़ों हरे वृक्षों को बेरहमी से कटवा दिया। इनमें ज्यादातर पेड़ जाल, कैर, कैंदू, शीशम, कीकर व नीम आदि के थे। इनमें जैल कैर व कैंदू 200 साल से भी अधिक पुराने थे।

शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि जिस समय पेड़ काटे जा रहे थे उस समय सरपंच और वे ग्रामीण भी मौके पर मौजूद थे जिनको सरपंच भूखंड देना चाहते हैं। सरपंच रेखा देवी से हरे पेड़ों को बुलडोजर (जेसीबी) से काटने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इस जमीन को साफ करवाने के आदेश दिए हैं। लेकिन सरपंच ग्रामीणों को लिखित आदेश नहीं दिखा पाई। पत्र में कहा है कि कटे हुए आधे पेड़ सरपंच ने बेच दिए हैं और कुछ पेड़ मौके पर पड़े हैं। त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो सरपंच कटे हुए सारे पेड़ों को मौके से हटवाकर सुबबत मिटवा देगी और बचे हुए पेड़ों को बेच भी देगी।

दयानंद व राम कंवार ने कटे हुए पेड़ों की फोटो भी एनजीटी को भेजे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायत की प्रतियां डीसी झज्जर, पुलिस आयुक्त झज्जर, एसडीएम बहादुरगढ़, बीडीपीओ बहादुरगढ़ और वन अधिकारी झज्जर को भी भेजी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज / संजीव शर्मा

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