हिसार: भावेश ख्यालिया ने 46वीं रैंक के साथ पास की यूपीएससी परीक्षा

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हिसार: भावेश ख्यालिया ने 46वीं रैंक के साथ पास की यूपीएससी परीक्षा


दूसरे प्रयास में मिली उपलब्धि, ताऊ व चाचा भी आईएएस व एचसीएस अधिकारी

हिसार, 16 अप्रैल (हि.स.)। हिसार के पीएलए निवासी भावेश ख्यालिया ने अपने ताऊ, चाचा के बाद एक ही परिवार से यूपीएससी में 46वीं रैंक हासिल कर गांव व परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह उपलब्धि दूसरे प्रयास में प्राप्त की है। इससे पहले भावेश ने एचसीएस में 12वीं रैंक हासिल कर परिवार, गांव व क्षेत्र का गौरव बढाया।

भावेश ख्यालिया ने बताया कि बगैर कोचिंग लिए उन्होंने हिसार में घर पर रहते हुए 15 से 16 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की और सफलता हासिल की है। मूल रूप से भिवानी के तहसील तोशाम के गांव झांवरी निवासी भावेश ख्यालिया के ताऊ डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया 1983 में एचसीएस चयनित हुए थे और उसके बाद उनके चाचा राजेश ख्यालिया भी 1999 में एचसीएस चयनित हुए। लगभग 24 साल बाद एक बार फिर भावेश ख्यालिया ने यूपीएससी में 46वें रैंक के साथ चयनित होकर अपने परिवार व गांव का परचम लहराया है।

भावेश ख्यालिया ने टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साईंस (हैदराबाद) से 2020 में ग्रेजुएशन किया। ताऊ डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया व चाचा राजेश ख्यालिया से प्रेरित होकर कोरोना काल के दौरान समय का पूरा फायदा उठाते हुए भावेश घर पर ही तैयारियों में जुट गए। इतना ही नहीं, भावेश ख्यालिया ने एचसीएस भी 12वीं रैंक के साथ पास की थी, उनका सपना व जिद्द यूपीएससी की परीक्षा अच्छे रैंक से पास करना था। पहले प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 280वां रैंक हासिल किया था लेकिन परिणाम से संतुष्ट नहीं हुए और दूसरे प्रयास में 46वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली

भावेश ख्यालिया की मा. सुशीला ख्यालिया शिक्षिका हैं, जिन्होंने वीआरएस ले लिया था, जबकि उनके पिता राजकुमार ख्यालिया गवर्नमेंट कालेज सिवानी से प्राचार्य के पद से 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत हुए थे। सबसे बड़े ताऊ सतबीर ख्यालिया वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से प्राचार्य सेवानिवृत हैं। ताऊ कुलदीप ख्यालिया गांव में सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लेते है और गांव के सरपंच रह चुके हैं। इस उपलब्धि पर ग्रामीण एक-दूसरे को बधाइयां देने में लगे हुए हैं, वहीं परिजनों के पास बधाइयों का तांता लगा हुआ है। भावेश ख्यालिया ने मंगलवार को कहा कि परिवार में कामयाबी की शुरूआत ताऊ डा. युद्धबीर सिंह से हुई और उसी विरासत को उन्होंने आगे बढ़ाया है। भावेश ख्यालिया ने बताया कि अधिकांश लोगों के पास उनका निर्धारित लक्ष्य या प्लान नहीं होता, जबकि यह काफी आवश्यक है। हम जीवन में जो पाना चाहते हैं, उसे पाने के लिए पूर्व निश्चित कर लें कि हम किस दिशा में जाना चाहते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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