हरियाणा के सफाई कर्मियों ने पानीपत में किया रोष प्रदर्शन
पानीपत, 23 जून (हि.स.)। हरियाणा सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में रविवार को प्रदेश भर के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर पानीपत में राज्यस्तरीय प्रदर्शन किया। गुस्साए कर्मचारियों ने पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा के आवास की ओर कूच किया और उनके नाम अपना मांग पत्र दिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगले 15 दिन में अगर मांगों का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा, जिसके लिए खुद सरकार जिम्मेदार होगी। 10 जुलाई को प्रदेश के तमाम जिलों में विशाल प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान देवीराम, महासचिव विनोद कुमार, कोषाध्यक्ष संदीप, सीटू राज्य प्रधान सुरेखा, महासचिव जयभगवान, सीटू उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह, यूनियन वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसाऊराम, उप महासचिव जोगिंदर सिंह, राज्य सचिव वीरभान के नेतृत्व में हजारों ग्रामीण सफाई कर्मियों ने बाबरपुर अनाज मंडी में सभा की। इसके बाद आक्रोश प्रदर्शन शुरू करके मंत्री जीटी रोड पर स्थित आवास पर की ओर चले। रास्ते में मंत्री के भाई हरपाल ने प्रदर्शनकारियों के बीच आकर मांग पत्र लिया। मंत्री ने 26 जून को यूनियन प्रतिनिधिमंडल को। मांगों पर बातचीत के लिए बुलाया।
प्रदर्शन में सफाई कर्मियों को सम्बोधित करते हुए संगठन नेताओं ने हरियाणा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 51 दिन लंबे आंदोलन के बाद 29 नवम्बर 2023 को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में वार्ता हुई। उस वार्ता में बनी सहमति आज तक लागू नहीं कि गई है। इसके कारण सफाई कर्मियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवीराम ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी मानदेय पर काम करते हुए पिछले 17 साल से शोषण और बेगार की मार झेल रहे हैं। ये कर्मचारी जब अपने हकों और मांगों को लेकर संघर्ष रहे हैं और हरियाणा सरकार आंदोलकारियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। सरकार ने सहमति बने मसलों को तो आज तक लागू नहीं किया लेकिन ऑनलाइन हाजिरी के नाम पर गुलामी प्रथा थोपकर बेगार करवाने का रास्ता जरूर तैयार कर लिया। इसको किसी भी सूरत में सफाई कर्मी सहन नहीं कर सकता। अगर सरकार ने इन सफाई कर्मियों को विधानसभा चुनाव से पहले पक्का नहीं किया देशव्यापी आह्वान पर 10 जुलाई को जिला स्तरीय प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन की मुख्य मांगें-
● 29 नवम्बर को बनी सहमति का तुरन्त नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
● विधानसभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
● सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पे-रोल पर लिया जाए।
● ऑनलाइन हाजिरी की बजाय 5-6 गांवों का जोन बनाकर उसमें सुपरवाइजर लगाकर काम की देखरेख व हाजरी लगाई जाए।
● सभी सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
● 2000 की बजाय 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
● डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए।
● 1000 रुपये वर्दी धुलाई भत्ता और 2000 रुपये औजारों का भत्ता 2023 का भुगतान किया जाए।
● एक्ससग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए तथा मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी उनके आश्रितों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।
● दीपावली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता लागू किया जाए।
● सौ-सौ गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/पवन
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