पलवल: दहेज हत्या मामले में आरोप साबित नहीं होने पर पति अदालत से बरी
पलवल, 20 फ़रवरी (हि.स.)। न्यायाधीश चंद्रकांत की अदालत ने विवाहिता की दहेज के लिए हत्या के मामले में मंगलवार को आरोप साबित न होने पर पति को बरी कर दिया। इस मामले में मृतका के सास-ससुर को पुलिस पहले ही जांच में निर्दोष मानते हुए केस से बाहर कर चुकी थी। पति राजकुमार ने कहा कि उसे न्याय मिला है। उसने कुछ किया ही नहीं था।
वकील राजेंद्र खत्री ने मंगलवार को बताया कि दुर्गापुर निवासी चंद्रपाल ने वर्ष 2020 में गदपुरी थाने में दी शिकायत में कहा था की उसने अपनी लड़की की शादी वर्ष-2013 में कलवाका निवासी राजकुमार के साथ अपनी हैसियत और हिंदू रीति-रिवाज अनुसार की थी। लेकिन उसकी बेटी के ससुराल वाले इससे खुश नहीं थे, जिसके चलते उसकी बेटी का पति वा उसके परिजन शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। कई बार सामाजिक तौर पर उन्हें समझाने का भी प्रयास किया गया। दो-चार दिन चुप रहने के बाद उनका फिर वही रवैया शुरू हो जाता। इस दौरान उनकी बेटी सुधा पर दो लडकियां भी हुई। ससुराल जनों ने लडका न होने और दहेज की मांग पूरी न होने के चलते लडकी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
पिता ने आरोप लगाया कि 30 अक्टूबर 2020 को सुधा के पति राजकुमार, ससुर पालाराम व सास दुलारी ने सुधा की मारपीट कर हत्या करने के बाद उसे फांसी पर लटका दिया। आरोपित पक्ष के वकील राजेंद्र खत्री ने बताया की इस संबंध में मृतक सुधा के पिता की शिकायत पर गदपुरी थाने में पति राजकुमार, ससुर पालाराम व सास दुलारी के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने सास-ससुर को पहले ही पुलिस जांच में निर्दोष मानते हुए केस से निकाल दिया गया था, जबकि पति राजकुमार का करीब 3 साल तक अदालत में ट्रायल चला। मंगलवार को फैसला आया है।
हिन्दुस्थान समाचार/ गुरुदत्त/संजीव
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