पलवल : होली सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का पर्व : उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ

पलवल, 11 मार्च (हि.स.)। शिवहर शिक्षा संस्कृति न्यास पलवल एवं हरियाणा साहित्य व संस्कृति अकादमी पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को शिव विहार पलवल में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ मुख्य अतिथि के ताैर पर दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
समारोह की अध्यक्षता निदेशक हरियाणा साहित्य व संस्कृति अकादमी पंचकूला धर्मदेव विद्यार्थी ने की। समारोह में श्याम सुंदर शर्मा, पदम अलबेला, डा. जंग बहादुर पांडे, सुनीता रैना, सुखदेव पांडे सरल, गोविंद भारद्वाज, मोहित मनोहर वीरपाल परशु, चंद्र प्रताप सैनी आदि नामचीन कवि और कवयित्रियों ने श्रोताओं को अपनी कविताओं और व्यंग्यों से मंत्रमुग्ध कर दिया।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने समारोह को संबोधित करते हुए सभी को रंगो के त्यौहार होली व दुल्हेंडी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि रंगों के इस पावन पर्व होली को आपसी भाईचारा का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व पर लोगों का उमंग व उल्लास देखते ही बनता है। उन्होंने कहा कि होली का पर्व सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी जागरूकता का संदेश देता है। इस त्यौहार को हम सब आपकी प्रेम और सौहार्द से मनाते हैं। रंगों का यह त्यौहार सभी को सद्भाव के साथ रहने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि वे बृज की होली से वे बहुत प्रभावित हैं। अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा बृजवासी होली के त्यौहार को कई दिनों तक मनाते हैं। इसी कारण से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
होली केवल रंगों का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का भी पर्व है। इस दिन लोग पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हुए रंग-गुलाल लगाकर खुशी मनाते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग