हिसार : सही इलाज से उपचार के समय और बाद में दर्द को किया जा सकता कम : डॉ. राकेश सिंगला
इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने किया ‘एंडोडॉन्टिक दर्द प्रबंधन’ विषय पर सेमिनार का
आयोजन
हिसार, 23 दिसंबर (हि.स.)। इंडियन डेंटल एसोसिएशन की हिसार शाखा की ओर से
‘एंडोडॉन्टिक दर्द प्रबंधन’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। इसमें हिसार व आसपास के क्षेत्र के अनेक दंत
चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक नागपाल
ने की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. राकेश सिंगला ने मंगलवार काे ‘एंडोडॉन्टिक
दर्द प्रबंधन’ विषय पर विस्तृत व्याख्यान
दिया। उन्होंने बताया कि आरसीटी रूट केनाल ट्रीटमेंट एक दंत प्रक्रिया है जिसमें दांत
के अंदर की सड़ी हुई या संक्रमित पल्प, नसें और रक्त वाहिकाओं को निकालकर केनाल को
साफ और कीटाणु रहित किया जाता है फिर उसे भरकर सील कर दिया जाता है, ताकि दांत को बचाया
जा सके और दर्द से राहत मिल सके। इस प्रक्रिया को एंडोडॉन्टिक उपचार कहते हैं। उन्होंने
दंत चिकित्सकों को रूट केनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) के दौरान उसमें पाया जाने वाला संक्रमण
और उसके इलाज, दर्द निवारक दवाएं, एंटीबयोटिक्स और स्थानीय एनेस्थेटिक्स संबंधी जानकारी
दी। उन्होंने बताया कि सही इलाज से उपचार के दौरान और बाद में दर्द को कम किया जा सकता
है।
इसमें रूट केनाल प्रक्रिया के दौरान पल्प को हटाना, सफाई करना और सील करना तथा
आधुनिक तकनीक और घरेलू उपाय भी शामिल हैं जिससे दांत को बचाया जा सके और मरीज को आराम
मिले। डॉ. राकेश सिंगला ने बताया कि एंडोडॉन्टिक दर्द का कारण दांत के अंदरूनी नरम
उत्तक (पल्प) में संक्रमण या सूजन तथा क्षतिग्रस्त या सड़ा हुआ पल्प होता है। उन्होंने
दर्द प्रबंधन के तरीकों के बारे में बताया कि इसमें स्थानीय एनेस्थिया द्वारा दर्द
को कम करना एवं दूसरी सून्न करने की दवाएं देना, संक्रमित या मृत उत्तक को रूट कैनाल
से हटाना, रूट केनाल को अच्छी तरह साफ और किटाणू रहित करना, दर्द कम करने के लिए दर्द
निवारक और संक्रमण रोकने के लिए एंटीवायोटिक्स का उपयोग करना शामिल हैं।
डॉ. राकेश सिंगला ने दर्द प्रबंधन को लेकर घर पर देखभाल और घरेलू उपाय बताते
हुए कहा कि ठंडी सिकाई, सूजन और दर्द करने में फायदेमंद रहती है। प्रभावित जगह पर लौंग
का तेल लगाने से भी आराम मिलता है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

