गुरुग्राम: बचपन के श्रेष्ठ संस्कार ही वास्तव में जीवन की मजबूत नींव: आशा दीदी
-बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ
-ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर ने किया आयोजनेेेेेेेेेेेेेेेे
गुरुग्राम, 12 मई (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में 3 दिवसीय बाल व्यक्तित्व शिविर का बुधवार को शुभारंभ हुआ। इस दौरान बच्चों को श्रेष्ठ संस्कारों की जानकारी देकर उन्हें संस्कारी होने के लिए प्रेरित किया गया।
ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि बचपन के श्रेष्ठ संस्कार ही वास्तव में जीवन की मजबूत नींव हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी हृदय मोहिनी मात्र 9 वर्ष की आयु से ही ईश्वरीय विश्व विद्यालय से जुड़ी। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श रूप है। उन्होंने जीवन में कभी क्रोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भी अपने पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण ही श्रीकृष्ण जैसे दिव्य गुणों वाले देवता बने। संस्था के बहादुरगढ़ सेवा केंद्रों की निदेशिका बीके अंजली ने कहा कि छोटी आयु से ही ऐसा श्रेष्ठ संग मिलना बहुत बड़े भाग्य की निशानी है। चंडीगढ़ से पधारी बीके अनिता ने कहा कि जब भी गुस्सा आए तो एक गिलास ठंडा पानी पिएं। साथ ही ओम शांति कहें तो गुस्सा शांत हो जायेगा।
हीरो मोटोकॉर्प कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट के डीजीएम अमित मलिक ने कहा कि सफलता का अर्थ ये नहीं कि अच्छे पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो। जीवन में सदा शांति एवं खुशी बनी रहना ही सबसे बड़ी सफलता है। कार्यक्रम में द अर्थ सेवियर्स के अध्यक्ष जस कालरा एवं हिसार के मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. देवेंद्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। चलो नई उड़ान भरें विषय पर आयोजित शिविर में बच्चों के लिए मानसिक और शारीरिक स्तर अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के द्वारा भी बच्चे अपनी कला प्रदर्शित करेंगे। शिविर में 500 से भी अधिक बच्चे सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में बीके विधात्री ने मंच संचालन किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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