सोनीपत: 150 वर्षों से सैनी गढ़ी मोहल्ला को लाल डोरा से हटाने का नोटिस

सोनीपत: 150 वर्षों से सैनी गढ़ी मोहल्ला को लाल डोरा से हटाने का नोटिस
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सोनीपत: 150 वर्षों से सैनी गढ़ी मोहल्ला को लाल डोरा से हटाने का नोटिस


सोनीपत, 30 जून (हि.स.)। खरखौदा में लगभग 150 वर्षों से 10 एकड़ में बसा सैनी गढ़ी मोहल्ला का अब तक लाल डोरा में मानकर विकास कार्य किए जा रहे थे। हाल ही में ड्रोन से पैमाइश के बाद राजस्व विभाग ने इसे अपनी जमीन बताते हुए नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस 27 मई की बैक डेट के हैं। कई लोगों को अब तक नहीं मिले हैं।

22 फरवरी 2024 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस कॉलोनी के लिए एक पॉलिसी बनाकर उसकी मिल्कियत नाम करने की घोषणा की थी। अब पंचायत प्रदेश मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर जल्द पॉलिसी बनाने की मांग करेगी। इस पंचायत में सावित्री बाई फुले पार्क समिति प्रधान कप्तान सिंह, रती राम, सतबीर सिंह, ओमे, लालचंद, रामकंवार, धर्मबीर सहित भारी संख्या में मोहल्ले वासी उपस्थित थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री खट्टर की घोषणा के बाद सैनी गढ़ी मोहल्ला खरखौदा मामले में यूनिक आईडी फाइल नंबर 5373 के तहत हरियाणा कंट्री एवं टाउन प्लानिंग विभाग और शहरी स्थानीय निकाय के पास मामला अभी भी पेंडिंग है। इसी तरह से यूनिक आईडी नंबर 5224 पंचायती विभाग के पास और यूनिक आईडी नंबर 1570 एडिशनल चीफ सेक्रेटरी हरियाणा रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट की तरफ से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को भेजी गई फाइल पेंडिंग है। फाइल यूनिक आईडी नंबर 1963 एलआर ब्रांच रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट के अधीन भी पेंडिंग है।

खरखौदा नगर पालिका के अधीन आने वाले सैनी मोहल्ला वार्ड 16, करीब 150-200 साल पुराना है। 2017 की पैमाइश के बाद इस मोहल्ले को अवैध कब्जा घोषित कर दिया गया। जबकि पहले इसे लाल डोरा मानकर विकास कार्य कराए गए थे और जमीन की रजिस्ट्रियां भी होती रही हैं। प्रोपर्टी आईडी बनने के बाद भी प्रशासन द्वारा रजिस्ट्रियां की गई हैं। मोहल्ले वासियों के पास 150-200 साल पुराना कुर्सीनामा, पुराने बिजली बिल, शुरुआती समय के वोट कार्ड, हाउस टैक्स, शिक्षा और सरकारी नौकरियों से संबंधित दस्तावेज, पुराने कुएं, पुरानी चौपाल, और कई पुरानी रजिस्ट्रियां उपलब्ध हैं।

नगरपालिका खरखौदा सचिव संदीप का कहना है कि हाई कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक खरखौदा में नोटिस दिए गए हैं। जिन मकान एवं प्लॉट मालिकों के पास पुख्ता सबूत हैं, उन्हें प्रोपर्टी आईडी नंबर जारी कर नोटिस कैंसिल कर दिया जाएगा। इसके अलावा, नगरपालिका की जमीन को खाली कराने के लिए पीपी एक्ट के तहत कोर्ट में केस डालकर खाली कराया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव

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