नारनौल की बेटी न्यूयॉर्क में अप्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में विशिष्ट महिला के तौर पर हुई शामिल
नारनाैल, 23 सितंबर (हि.स.)। भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका दौरा खासकर उन भारतीयों के लिए विशेष महत्व रखता है,जिन्होंने अमेरिका में रहते हुए अपने हिन्दुस्तान का नाम रोशन किया है। भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में न्यूयॉर्क में हुए अप्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में विशिष्ट महिला के तौर पर निमंत्रण मिलने पर नारनौल की बेटी एवं नारनौल में पली-बढ़ी आराधना अग्रवाल ने उक्त समारोह में शामिल होकर अपने क्षेत्र ही नहीं अपितु अपने प्रदेश हरियाणा को भी गाैरवान्वित किया है।
आराधना अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि प्रधानमन्त्री मोदी के न्यूयॉर्क आगमन को लेकर अप्रवासी भारतीयों में बडा ही उत्साह था। उन्होंने भारतीय प्रवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपका स्किल, आपका टेलेंट, आपका कमिटमैट का कोई मुकाबला नहीं है, आपने अमेरिका को भारत से और भारत को अमेरिका से जोड रखा है। उल्लेखनीय है कि आराधना अग्रवाल ने अपने कैरियर में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। आराधना अग्रवाल ने अपनी आरम्भिक शिक्षा नारनौल के सरकारी विधालय एवं कालेज से प्राप्त की है। आराधना चार्टर्ड एकान्टेन्टस की परीक्षा उत्तीण करने वाली हरियाणा में सबसे पिछडे जिले कहे जाने वाले जिला महेन्द्रगढ की पहली महिला थी।
आराधना ने अमेरिका में पहले ही प्रयास में पब्लिक एकाउन्टेन्सी की परीक्षा उत्तीर्ण की। अपनी योग्यता के बल पर आराधना अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनियां में डायरेक्टर ऑफ फॅायनेन्स बनी। इन पदों का निर्वहन करते हुए आराधना ने विश्वविख्यात वार्टन स्कूल ऑफ मैनेजमैन्ट से प्रबन्धन की शिक्षा प्राप्त की। इतना ही नहीं आराधना को यूएस चैप्टर ऑफ आईसीएआई की पहली महिला चेयरमैन बनने का भी गौरव हासिल है। वर्ष 2011 में अमेरिका स्थित वैटनरी मैनेजमैन्ट ग्रुप की फॉयनेन्स कमेटी की चेयरपर्सन भी चुनी गई।
आराधना अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के लिए बॉस्टन और लॉस एंजिलिस में दो नए कॉन्सुलेट खोलेगी। आराधना अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका में रहते हुए जब भी भारत एवं हरियाणा का नाम आता है तो सिर गर्व से उंचा हो जाता है। हरियाणा से संबंधित विदेश में रह रहे लोग जब हरियाणा की तरक्की एवं उन्नति की बात करते है तो बडी प्रसन्नता होती है। उन्होंने कहा कि बेशक हम सात समन्दर दूर आ गए हैए लेकिन ऐसा कोई समन्दर नहीं जो दिल की गहराईयों में बसे हिन्दोस्तान को दिल सू दूर कर सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला
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