हिसार: पौधों के धार्मिक महत्व को बताती नवग्रह वाटिका : प्रो. बीआर कम्बोज

हिसार: पौधों के धार्मिक महत्व को बताती नवग्रह वाटिका : प्रो. बीआर कम्बोज
WhatsApp Channel Join Now
हिसार: पौधों के धार्मिक महत्व को बताती नवग्रह वाटिका : प्रो. बीआर कम्बोज


विश्व पर्यावरण दिवस पर वनस्पति उद्यान में नवग्रह वाटिका का किया उद्घाटन

हिसार, 5 मई (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वनस्पति उद्यान में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बुधवार को नवग्रह वाटिका का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने नवग्रह वाटिका में नौ गृहों पर आधारित लगाए गए पौधों का निरीक्षण भी किया।

प्रो. कम्बोज ने बुधवार को नौ गृहों के धार्मिक आधार पर लगाए गए पौधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस ग्रह के लिए कौन सा पौधा शुभ है। कौन से ग्रह को शांत करने के लिए किस पौधे की लकड़ी और पत्तों का प्रयोग किया जाता है। उसी के अनुसार वाटिका में पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पौधों के धार्मिक महत्व को बताने वाली ये नवग्रह वाटिका विश्वविद्यालय के वनस्पति उद्यान में बनाई गई है ताकि वाटिका में आने वाले नागरिकों को गृहों से संबंधित पौधों के महत्व के बारे में जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि बृहस्पति गृह के लिए पीपल, बुद्ध गृह के लिए अपामार्ग, केतू के लिए कुश घास, शुक्र के लिए गूलर, सूर्य के लिए ऑक, शनि के लिए शमी, चन्द्र के लिए प्लाश, मंगल के लिए खैर व राहु के लिए दूब घास का पौधा सर्वोतम माना गया है।

कुलपति ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है ताकि प्रत्येक नागरिक बरसात के मौसम में विभिन्न प्रजातियों के अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी देखभाल भी करे। मानव जीवन में पेड़-पौधों का विशेष महत्व है। वृक्षों से एक ओर जहां इमारती लकड़ी मिलती है वहीं दूसरी और पेड़-पौधें विभिन्न प्रकार की औषधियों बनाने में भी प्रयोग किए जाते हैं।

क्या है इन पौधों का धार्मिक महत्व

मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि सभी नवग्रह वाटिका में ग्रहों के अनुसार एक-एक पौधा लगाया गया है। इन पौधों का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों व हवन-पूजन के दौरान भी किया जाता है। कार्यक्रम का आयोजन मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय एवं भू-दृश्य संरचना इकाई द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story