गुरुग्राम: भारतीय सेना के अधिकारियों व जवानों के लिए हुआ नेशनल डायलॉग कार्यक्रम
-ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ कार्यक्रम
गुरुग्राम, 25 नवम्बर (हि.स.)। वर्तमान समय मन को शांत और स्थिर बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। वैश्विक स्तर पर हो रहे युद्ध यही दर्शाते हैं कि मानव अशांति के भंवर में फंसा हुआ है। यह बात उत्तर प्रदेश अग्निशमन के महानिदेशक अविनाश चन्द्र ने ब्रह्माकुमारीज के बोहड़ाकलां स्थित ओम शान्ति रिट्रीट सेंटर में कही। उन्होंने प्रेरणादाई नेतृत्व एवं स्व-सशक्तिकरण विषय पर भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों को सम्बोधित किया।
उन्होंने कहा कि मानव चाहे कितना भी धन कमा ले, मान-शान और प्रतिष्ठा प्राप्त कर लें, लेकिन शान्ति के बगैर सब बेकार है। मन की शान्ति के लिए आध्यात्मिकता ही मात्र एक उपाय है। ब्रह्माकुमारीज विश्व शान्ति के लिए अद्भुत कार्य कर रही है। इस अवसर पर ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि आज शारीरिक सुरक्षा से पहले मानसिक सुरक्षा जरूरी है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसे मन के विकृत भाव ही मानव के सबसे बड़े शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की शुरुआत हमें स्वयं से करनी है। तभी हम विश्व को प्रेरणादाई नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।
भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ओम प्रकाश ने अपना अनुभव सांझा किया। उन्होंने कहा कि वो काफी समय से राजयोग का अभ्यास कर रहे हैं। राजयोग से उनके दृष्टिकोण में एक महान परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि सेना में धर्म के प्रति बड़ी आस्था है। लेकिन आध्यात्मिकता के द्वारा ही हमें स्वयं की सही पहचान मिल सकती है। कमोडोर अरविन्द शुक्ला ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज विश्व में एकमात्र संस्था है, जो सुरक्षा बलों के सशक्तिकरण का कार्य कर रही है। जिसके लिए सुरक्षा प्रभाग का गठन किया गया है।
राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने कहा कि ओम वास्तव में भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है। ओम हमें स्वयं से परिचित कराता है। ओम के उच्चारण मात्र से ही मन शांति की अनुभूति करता है। भारतीय नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल एसएन घोरमड़े ने कहा कि वो वर्ष 2011 से राजयोग का नियमित अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक चेतना की शुद्धि ही वास्तव में सबसे बड़ी शुद्धि है। संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे पूर्व स्क्वाड्रन लीडर एवं सुरक्षा प्रभाग के अध्यक्ष अशोक गाबा ने भी कार्यक्रम के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सेना और सुरक्षा बलों के मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम जरूरी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव
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