फतेहाबाद:आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति:मधु जिंदल
फतेहाबाद, 6 फरवरी (हि.स.)। उच्चतर शिक्षा विभाग, पंचकूला द्वारा मनोहर मैमोरियल पीजी कॉलेज में ‘बौद्धिक संपदा अधिकार का भारतीय परिदृश्य’ विषय पर दो दिवसीय नेशनल कांफ्रैंस का आयोजन किया गया। नैक और कॉलेज के आईक्यूएसी विभाग द्वारा आयोजित इस कांफ्रैंस में मुख्य अतिथि के तौर पर उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला से डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मधु जिंदल ने भाग लिया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ.अशोक मक्कड़, डीन फैकल्टी ऑफ लॉ, सीडीएलयू सिरसा तथा पंजाब यूनिवर्सिटी, रीजनल सेंटर लुधियाना से प्रोफेसर डॉ. आशीष विर्क मौजूद रहे। कॉन्फ्रेंस की मुख्य वक्ता पंजाब यूनिवर्सिटी रीजनल सेंटर लुधियाना से प्रोफेसर डॉ.अमन अमृत ने अपने विचार विद्यार्थियों के साथ सांझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोहर मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी के प्रधान राजीव बत्रा व सचिव विनोद मेहता ने की। कॉलेज के प्रिंसीपल एवं कार्यक्रम के कन्वीनर डॉ. गुरचरण दास ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।
वक्ताओं ने पेटेंट रिफॉम्र्स, कॉपीराइट, ट्रेडमॉर्क, कॉपीराइट इश्यूज इन साइबर स्पेस, भारत में आईपीआर कानूनों के विस्तार को चुनौती, मुकदमेंबाजी व प्रतिस्पर्धा कानून सहित अनेक विषयों पर प्रकाश डाला। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मधु जिंदल ने भारत में पेटेंट के प्रति बढ़ती जागरूकता पर अपने विचार रखे। उन्होंने पेटेंट क्या है, विषय पर व्याख्यान दिया।
मुख्य वक्ता डॉ. अमन अमृत ने राष्ट्र के विकास में बौद्धिक संपदा अधिकार के योगदान और कॉपीराइट एक्ट पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी संपत्तियों का बंटवारा किया जा सकता है लेकिन बौद्धिक संपदा न कोई छीन सकता है और न कोई इसका बंटवारा कर सकता है। डॉ. अशोक मक्कड़ ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व बारे विस्तार से बताया।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/सुमन
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