अच्छी संगति में ही नारायण का वास : तरूण कृष्ण शांडिल्य

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अच्छी संगति में ही नारायण का वास : तरूण कृष्ण शांडिल्य


अच्छी संगति में ही नारायण का वास : तरूण कृष्ण शांडिल्य


गुर्जर-अहीर धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा जारी

हिसार, 8 सितंबर (हि.स.)। पड़ाव क्षेत्रवासियों की ओर से गुर्जर-अहीर धर्मशाला में आयोजित की श्रीमद भागवत कथा लगातार जारी है। इसमें कथा व्यास आचार्य श्री तरूण कृष्ण शांडिल्य श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहे हैं। आचार्य तरूण शांडिल्य ने रविवार को कथा का वर्णन करते हुए बताया कि धर्म के चार पड़ाव हैं दया, दान, पवित्रता व सत्य। जिनके जीवन में यह है वह धार्मिक है।

धर्म उसके जीवन में विकास करता है। वहीं जिसके जीवन में चार अवगुण जुआ, नशा, काम वासना व क्रोध हैं, उसके जीवन में कलयुग निवास करता है। उन्होंने बताया कि भक्त ध्रुव की माता ने ध्रुव को सत्संग दिया, जिसके प्रभाव से ध्रुव ने पांच साल की आयु में भगवान की प्राप्ति कर ली। वहीं दुर्योधन के पिता ने उसको कुसंगति दी, जिसके कारण भारत वर्ष का राजकुमार होते हुए भी उसके कुल का नाश हुआ। अत: जहां सत्संग (अच्छी संगति) है वहां नारायण हैं, लक्ष्मी है। जहां कुसंगति है वहां कलयुग है विनाश है।

आचार्य जी ने बताया कि पूर्व के समय में जब अधर्म लोगों ने भारत पर राज किया, तब सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को अनेक यातनाएं दी गई। अनेकोनेक साधु, संत व महापुरूषों ने यातनाएं सहकर सनातन धर्म को बचाया है। इस अवसर पर डा. कमल गुप्ता, राधाकृष्ण खटाणा, प्रवीण पोपली, महावीर जांगड़ा, प्रकाश अग्रवाल, लोकेश असीजा, राजकुमार (राजा) गुर्जर, दुष्यंत वर्मा, कुलदीप, महेंद्र पान्नू, दिवेश, महावीर (मड्डी) यादव, श्याम सुंदर वर्मा, चंदन शर्मा, सुनील यादव, पूर्व पार्षद एडवोकेट कृष्ण खटाणा, राजेंद्र, अभिमन्यु, माया, मुकेश, मंजीत, सुमन, निशा, बबली, नीलम, सुशील, मंजू, कंचन, शांति, विमला, नविका, ममता, पूनम, कमला, टोनी, सुदेश, सिलोचना व कविता सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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