हरियाणा से शुरू हुए बेटियों के नाम नेमप्लेट अभियान को 8 राज्यों ने अपनाया

हरियाणा से शुरू हुए बेटियों के नाम नेमप्लेट अभियान को 8 राज्यों ने अपनाया
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हरियाणा से शुरू हुए बेटियों के नाम नेमप्लेट अभियान को 8 राज्यों ने अपनाया


- सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने 50 हजार घरों के बाहर लगाई बेटियों के नाम की प्लेट

चंडीगढ़, 09 मार्च (हि.स.)। पिता की सत्ता में बेटियों को संपत्ति का अधिकार दिलवाने के लिए अभियान के तहत सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा हरियाणा समेत कई राज्यों में अब तक 50 हजार घरों के बाहर बेटियों के नाम की प्लेट लगाई जा चुकी है। महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह के भीतर प्रदेश के पांच हजार घरों के आगे बेटियों के नाम की प्लेट लगाई गई।

सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि 6 जुलाई 2015 को जींद जिले के गांव बीबीपुर से उन्होंने यह अभियान अपनी बेटी नंदिनी के नाम की प्लेट लगाकर शुरू किया था। शुरुआती दौर में रूढ़ीवादी मानसिकता के चलते उन्हें जहां कुछ गांवों में विरोध का सामना करना पड़ा, वहीं इस अभियान को लेकर वह सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुए। इसके बावजूद उन्होंने इस मुहिम को हरियाणा के जींद, हिसार, नूंह, फतेहाबाद, पंचकूला आदि जिलों में चलाया। हरियाणा के बाहर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि में भी इस अभियान को चलाया गया, जिसमें घरों की पहचान वर्मा या शर्मा निवास की बजाए बेटियों के नाम से हुई।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के नूंह जिले में जहां जाति विशेष के लोगों के प्रति कई तरह की भ्रांतियां हैं वहीं सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के प्रयासों से यहां के गांव किरूरी व भूतलाका देश के पहले ऐसे गांव हैं जहां के सभी घरों के आगे बेटियों के नाम की प्लेट लगाई गई है। इसी प्रकार हिसार के गांव सिंघवा राघो, गुरुग्राम के गांव अलीपुर आदि में भी यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मुहिम की पहले ही तारीफ कर चुके हैं।

सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा यह अभियान शुरू किए जाने के बाद वर्ष 2017 से हरियाणा में भी बेटियों के पैदा होने पर आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा घर के बाहर उनका नाम लिखा जाने लगा है।

सुनील जागलान ने बताया कि महिला दिवस के अवसर पर अब देश के विभिन्न राज्यों में अपने वॉलंटियरों के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर लड़कियों के नाम की पांच हजार नेम प्लेट लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि पहले इसे अलग नाम जैसे डिजिटल इंडिया विद लाडो, लाडो स्वाभिमान उत्सव, डॉटर्स नेम प्लेट, कुलज्योति नाम से प्रचारित किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे अभियान को विभिन्न संस्थाएं भी अपना रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/वीरेन्द्र

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