हिसार: विद्यार्थियों को ई-संसाधनों का उपयोग करके अपडेट रहना चाहिए: बीआर कम्बोज
दो दिवसीय शैक्षणिक ई-संसाधनों के प्रति जागरूकता एवं उपयोग विषय पर प्रशिक्षण का शुभारंभ
हिसार, 13 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि ज्ञान अब देश व विदेश की परिधि में बंधा हुआ नहीं है बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के आगमन के साथ यह विभिन्न आईसीटी तकनीकों के माध्यम से सीमाओं से परे फैल रहा है। इसने दुनिया भर के पुस्तकालयों पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है। वे बुधवार को विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में नेहरू पुस्तकालय की ओर से ‘शैक्षणिक ई-संसाधनों के प्रति जागरूकता एवं उपयोग’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय द्वारा किया गया है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित छात्राओं की अधिक संख्या पर खुशी जाहिर की और कहा कि पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं विशेषकर विद्यार्थियों को इन ई-संसाधनों के उपयोग के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी बन गया है। उन्होंने कहा आज पुस्तकालय विभिन्न ई-संसाधनों जैसे ई-पुस्तकें, ई-जर्नल, सांख्यिकीय डेटाबेस, ई-लर्निंग टूल इत्यादि की सदस्यता ले रहे हैं, कंसोर्टिया में भाग ले रहे हैं और इंटरनेट पर स्वतंत्र रूप से सुलभ ओपन एक्सेस संसाधनों की पहचान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि पुस्तकालयों के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) विभिन्न प्रकार के ई-संसाधनों जैसे कृषिकोश डिजिटल रिपॉजिटरी, सीईआरए के माध्यम से ई-जर्नल्स, कृषि शिक्षा ई-लर्निंग पोर्टल और एनएआरएस के तहत कई अन्य संसाधनों तक पहुंच प्रदान करने के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि नेहरू पुस्तकालय अपने स्वचालन के लिए नवीनतम तकनीक के कार्यान्वयन और अपने उपयोगकर्ताओं को बेहतर और त्वरित सेवाएं प्रदान करने में ट्रेंड सेंटर रही है।
हाल ही में नेहरू लाइब्रेरी ने सीसीएसएचएयू ई-लाइब्रेरी नाम से रिफ्रेड डिस्कवरी प्लेटफॉर्म की सदस्यता ली है। इस एकल खोज मंच के माध्यम से, लाइब्रेरी वेब ब्राउजऱ का उपयोग करके सीसीएसएचएयू के शैक्षणिक और अनुसंधान समुदाय के लिए अपने सभी ई-संसाधनों तक दूरस्थ पहुंच प्रदान कर रही। नेहरू पुस्तकालय के पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (आईडीपी) प्रोजेक्ट के तहत आयोजित उपरोक्त दो दिवसीय प्रशिक्षण के कार्यक्रमों, तकनीकी सत्रों सहित समस्त रूपरेखा की जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राजीव पटेरिया ने धन्यवाद किया, जबकि मंच का संचालन डॉ. सीमा परमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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