हिसार:सरकारी रेट पर सरसों की खरीद न होने से किसान परेशान : वजीर पूनिया
हिसार, 17 मार्च (हि.स.)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता वजीर सिंह पूनिया ने पोर्टल के माध्यम से फसल खरीदने की सरकार की नीति पर सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने कहा कि सरसों खरीद शुरू होने के साथ ही सरकार की यह योजना टांय-टांय फिस्स हो गई है और किसानों को सरकारी रेट की बजाय काफी कम मूल्यों पर सरसों बेचनी पड़ रही है।
सरसों खरीद में किसानों को हो रही परेशानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूनिया ने शुक्रवार को कहा कि सरकार पोर्टल पर फसलें दर्ज करवाने व बेचने पर जोर दे रही है, लेकिन ये पोर्टल किसानों के शोषण का जरिया बन गए हैं। किसानों को सरकारी रेट से काफी कम पर सरसों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होेंने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की बेरूखी के कारण, सरसों मंडियों में सरकारी खरीद नहीं हो रही और किसान औने-पौने दाम में सरसों बेचने को मजबूर हैं।
एमएससी से कम दाम पर सरसों की बिक्री होने से किसानों को हो रहे घाटे की भरपाई के लिए गठबंधन सरकार को आगे आना चाहिए और भावांतर योजना के तहत किसान को आर्थिक तौर पर मदद पहुंचानी चाहिए। वजीर सिंह पूनिया ने कहा कि हिसार सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। सरसों का सरकारी समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल तय होने के बावजूद व्यापारी इसे काफी कम दाम में खरीद रहे हैं। ऐसे में सरकार को ऐसे व्यापारियों पर अंकुश लगाना चाहिए और सरकारी रेट पर सरसों की खरीद सुनिश्चित करनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन भारद्वाज
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