पश्चिम बंगाल में मारे गए जींद के सैनिक का सरकारी सम्मान के साथ संस्कार
जींद, 19 दिसंबर (हि.स.)। नरवाना उपमंडल के गांव सुलहेडा के जवान मुनीष कुमार (29) की पश्चिम बंगाल में बीमारी के चलते निधन हो गया। मनीष कुमार की मौत का समाचार जैसे ही गांव पहुंचा तो पूरे गांव की आंखें नम हो गई और मृतक परिवार को ढांढस बंधाने के लिए ग्रामीण घर पहुंचे। उनकी मौत होने पर पार्थिव शरीर को पहले दिल्ली लाया गया। उसके बाद आर्मी एंबुलेंस के जरिये शाम को नरवाना लाया गया। जहां हिसार से आई 8 मेक टुकड़ी के सैन्य वाहन में उनके पार्थिव शरीर को गांव सुलहेड़ा ले जाया गया।
सैन्य वाहन के आगे-आगे सैकड़ों बाइक व गाडिय़ों का काफिला बलिदानी मुनीष कुमार अमर रहे के जयकारोंं के साथ हाथों में तिरंगा झंडा लेकर चल रहे थे। प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार रणबीर सिंह, डीएसपी कमलदीप राणा ने मुनीष कुमार को श्रद्धाजंलि दी। वहीं मुनीष के पिता जगदीश को देश की शान तिरंगा झंडा दिया गया। बलिदानी मुनीष के छोटे भाई सोनू ने उसके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इससे पहले 8 मेक की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर व हवाई फायर कर अंतिम सलामी दी।
बलिदानी मुनीष कुमार के भाई सोनू बताया कि मनीष कुमार इस समय पश्चिम बंगाल में तैनात थे। मुनीष कुमार पश्चिमी बंगाल मेें ड्यूटी के दौरान शुक्रवार सुबह फिजीकल ट्रेनिंग कर रहे थे। उसी दौरान मुंह व नाक से खून आने के कारण उनकी मौत हो गई। उसका भाई मुनीष 15 जून, 2015 को जालंधर में टेटोरियल आर्मी में भर्ती हुआ था। डेढ़ साल पहले ही उसके द्वारा पेपर पास करने के बाद डिफेंस साईंस बोर्ड में चला गया था। वह सिपाही के पद पर पश्चिमी बंगाल में एयर फोर्स कैंट में ड्यूटी पर तैनात था। उसने बताया कि वह पिछली बार इस वर्ष शिवरात्रि पर छुट्टी आया था और उसके बाद 15 दिन बाद ड्यूटी पर चला गया था। वह अब 22 जनवरी को एक महीने की छुट्टी पर आना था लेकिन उससे पहले ही उसका पार्थिव शरीर आ गया। मुनीष की शादी 21 दिसंबर 2017 को जिला फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में सुशीला के साथ हुई थी। उसकी दो दिन बाद ही 21 दिसंबर को शादी की 8वीं शादी की सालगिरह थी। जिसको लेकर परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन उसका तिरंगा में लिपटा शव आने पर परिवार में खुशी गम मेंं बदल गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा

