हिसार:अग्रसेन भवन ट्रस्ट ने पर्वतारोही रीना भट्टी को सम्मानित किया

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हिसार:अग्रसेन भवन ट्रस्ट ने पर्वतारोही रीना भट्टी को सम्मानित किया


पर्वतारोही रीना भट्टी की उपलब्धियों पर देश को गर्व है : अंजनी खारियावाला

आमा डबलम को फतेह करने वाली हरियाणा की पहली महिला बनी रीना

हिसार, 27 अक्टूबर (हि.स.)। हिसार की पर्वतारोही रीना भट्टी ने एवरेस्ट से भी ज्यादा तकनीकी पर्वतों में से एक आमा डबलम पर अपनी जान जोखिम में डालकर तिरंगा फहराने में कामयाबी पाई है। इस उपलब्धि के बाद रीना भट्टी हरियाणा प्रदेश की पहली महिला बन गई है जिसने इस चोटी पर फतेह पाई है।

रीना द्वारा एक के बाद एक परचम फहराये जाने पर महाराजा अग्रसेन भवन ट्रस्ट ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह एवं पत्रकार वार्ता में स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। ट्रस्ट के प्रधान अंजनी खारियावाला ने कहा कि हरियाणा व देश के लिये गौरव की बात है कि हिसार की बेटी ने जोखिम भरा सफर तय करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रीना ने हर तरह के हालातों का सामना करते हुए अपने मजबूत इरादों में सफलता पाई।

अंजनी खारियावाला ने रीना के साथ-साथ उनके माता-पिता व सहयोगियों को भी बधाई दी। ट्रस्ट ने रीना को उसके सुखद भविष्य व और अधिक ऊचाईयों को छूने की प्रेरणा दी। अभिनंदन करने वालों में ट्रस्ट के उपप्रधान प्यारेलाल लाहोरिया, कोषाध्यक्ष रामनिवास कोहलीवाला व समाजसेवी एनके गोयल, सत्यपाल अग्रवाल, होशियारीमल बंसल, दीपक गर्ग, सज्जन मित्तल, संजय डालमिया, विरेन्द्र गुप्ता, अनिल सिंगला मंगालीवाला, सुरेन्द्र दुर्जनपुरिया, गजानंद गर्ग, देवेन्द्र गर्ग, सुरेन्द्र बागड़ी, दनीचंद गोयल, अभिमन्यु बंसल, प्रदीप गोयल आदि शामिल रहे।

इस अवसर पर रीना भट्टी ने अपनी कामयाबी के अब तक के सफर के बारे में बताते हुए कहा कि आमा डबलम पर फतेह पाने के अभियान के दौरान तीन पीक को फतेह किया है जिसमें काला पत्थर, आईसलेंड पीक जैसी तकनीकी माउण्टेन भी क्लाइंब किया, जो सिर्फ 15 दिन में पूरा किया। ये सफर गत माह 19 सितम्बर को शुरु किया गया था। रीना भट्टी ने पहले तो साउथ अफ्रीका की किलिमंजारो चोटी फतेह की थी, उसके बाद मात्र 24 घंटे में माउंट एल्ब्रुस चोटी को फतेह करके इतिहास रचा।

ऐसा करने वाली रीना पहली भारतीय महिला बनी। इसके अलावा रीना ने 7-8 और पीक पर भी चढ़ाई की। रीना ने बताया कि वर्ष 2019 में उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। रीना कहती हैं कि उनकी यह यात्रा व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति की है, जिसने उसे इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद की। देश की हर महिला को समर्पित है उनकी यह यात्रा। रीना ने बताया कि भविष्य में भी उनका यह सफर जारी रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर

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