बॉर्डर सील होने के बाद पैट्रोल पंप हुए खाली, कारोबार ठप, करोड़ों का नुकसान
-टीकरी बॉर्डर से सेक्टर 9 मोड़ तक अधिकतर दुकानें बंद
-टीकरी बॉर्डर पर स्थित है 5 पेट्रोल और सीएनजी पंप
-पांच पैट्रोल और सीएनजी पंप पर चार दिनों में सवा दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान
झज्जर, 16 फरवरी (हि.स.)। चार दिन से किसान आंदोलन के चलते टीकरी बॉर्डर और सेक्टर-9 मोड़ सील होने के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में जहां पेट्रोल और सीएनजी पंप बंद हैं। वहीं बहादुरगढ़ में सेक्टर-9 मोड़ से टीकरी बॉर्डर तक की दोनों तरफ की दुकानदारों का कारोबार ठप हो गया है।
टीकरी बॉर्डर पर पंप बंद होने के कारण प्रतिदिन सवा दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान संचालकों को हो रहा है। साथ ही पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपना रोजगार बंद होने की चिंता सताने लगी है। पेट्रोल पंप खाली पड़े रहते हैं।
टीकरी बॉर्डर पर दोनों तरफ मिलाकर पांच पैट्रोल और सीएनजी पंप है। एक पेट्रोल पंप पर काम करने वाले रिंकू सिंह व विक्की ने बताया कि यहां अब कोई भी गाड़ियां नहीं आ रही है। कर्मचारी पूरे दिन खाली खड़े रहते हैं। पेट्रोल पंप मालिक को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है तो यहां काम करने वाले कुछ मजदूर को भी वापस भेज दिया गया है। कर्मचारियों को अपने काम धंधे की चिंता सताने लगी है। किसान आंदोलन कितना लंबा चलता है, इसका कोई अंदाजा नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार भी सवा साल तक पेट्रोप पंप बंद होने के कारण मालिक को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। बाद में जब आंदोलन खत्म हुआ और पंप को चालू किया गया तो उसे ठीक करने में भी लाखों रुपये खर्च करने पड़े थे। उनका कहना है कि सड़क पूरी तरह बंद कर देना कहीं से भी समस्या का समाधान नहीं है। सरकार और किसानों को बैठकर बात करनी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए। रास्ते बंद होने के कारण आम लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
टीकरी बॉर्डर पर स्थित पांच पैट्रोल और सीएनजी पंप
टीकरी बॉर्डर पर दोनों तरफ पांच पैट्रोल और सीएनजी पंप है। दिन भर इन पंपों आम दिनों में भीड़ लगी रहती थी। अब ये सूने पड़े हैं। पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि एक पंप पर प्रतिदिन पांच लाख रुपये की गैस बिक्री होती थी। जबकि चार लाख रुपये डीजल और पेट्रोल बिकता था, लेकिन चार दिनों से मशीनें ठप पड़ी हैं। कुल मिलाकर टीकरी बॉर्डर पर स्थित पांच पंपों पर प्रतिदिन 45 लाख रुपये का कारोबार होता था। चार दिनों में सवा दो करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार/शील
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