लुवास वैज्ञानिकों का कमाल, बंदर के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन
हरियाणा में पहली बार हुआ इस तरह का आप्रेशन
हिसार, 30 मई (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु शल्य चिकित्सा एवं रेडियोलॉजी विभाग में स्थान पशु नेत्र चिकित्सा इकाई में अंधे बंदर का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया है। पूरे हरियाणा में बंदर के मोतियाबिंद की पहली सर्जरी है।
विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन चौधरी ने गुरुवार को बताया कि लुवास कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए टीम ने यह सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि इस बंदर को हांसी में करंट लग गया था और मुनीश नामक व्यक्ति ने इसे बचाया था। शुरू में उसके शरीर पर जलने के कई घाव थे। वह चलने फिरने में असमर्थ था। कई दिनों की सेवा व उपचार के बाद जब बंदर चलने लगा तो उन्होंने पाया कि बंदर अंधा है। इसके बाद तब बंदर के मालिक उपचार के लिए लुवास के सर्जरी विभाग में लाए।
पशु नेत्र चिकित्सा इकाई में जांच के उपरांत डॉ. प्रियंका दुग्गल ने पाया कि बंदर के दोनों आंखों में सफेद मोतिया हो गया है। एक आंख में विट्रस भी क्षतिग्रस्त हो चुका था। ऐसे में दूसरे आंख की सर्जरी की गई और सर्जरी के पश्चात बंदर देखने लग गया। बंदर की लौटी रोशनी देखकर पशु प्रेमी मुनीश तथा उनके साथियों ने सर्जरी टीम का तहदिल से धन्यवाद किया।
डॉ. प्रियंका व उनकी टीम भी सर्जरी की सफलता से काफी उत्साहित है। कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा, डीन डॉ. गुलशन नारंग व अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने पशु कल्याण व बंदर में फेकोइमलसिफिकेशन द्वारा सफलतापूर्वक मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए सर्जरी टीम को बधाई दी एवं भविष्य में पशु चिकित्सा एवं पशु कल्याण में और नए आयाम स्थापित करने का संदेश दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन
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