आबकारी एवं कराधान विभाग की एकमुश्त व्यवस्थापन योजना शुरू
- गुरुग्राम में हिपा के साथ मिलकर खोला जाएगा जीएसटी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट: मनोहर लाल
-योजना से जीएसटी लागू होने से पहले करों की लंबित अदायगी के मामलों का होगा समाधान
गुरुग्राम, 31 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के व्यापारी व कारोबारी वर्ग की जीएसटी लागू होने से पहले करों लंबित अदायगी के मामलों के समाधान की मांग को पूरा कर दिया है। रविवार को गुरुग्राम से मुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त व्यवस्थापन-2023 (ओटीएस) योजना का शुभारंभ कर दिया।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यक्रम में हरियाणा की एकमुश्त व्यवस्थापन (ओटीएस)-2023 का शुभारंभ करते हुए प्रदेशवासियों को नववर्ष-2024 की भी शुभकामनाएं दीं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। उनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक मुश्त व्यवस्थापन-2023 (ओटीएस) योजना के तहत पहली जनवरी, 2024 से 30 मार्च, 2024 की अवधि में सात अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित मामलों में लंबित करों की अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट के साथ चार श्रेणी निर्धारित करते हुए करों की अदायगी की जा सकेगी। यह सात कर अधिनियम जीएसटी लागू होने से पहले प्रभावी थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) गुरुग्राम के साथ मिलकर एक जीएसटी प्रशिक्षण संस्थान भी खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आबकारी एवं कराधान विभाग की एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम की घोषणा करते हुए कहा कि यह स्कीम विभाग की 30 जून 2017 तक की अवधि के तहत बकाया टैक्स राशि के निपटान का अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादित कर कैटेगरी के तहत 50 लाख रुपये से कम की आउटस्टेंडिंग राशि पर 30 प्रतिशत व 50 लाख से अधिक राशि की आउटस्टैंडिंग पर करदाता को 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। ओटीएस स्कीम की तीसरी श्रेणी निर्विवादित कर के तहत विभाग द्वारा जो टैक्स बनाया गया है व इसमे करदाता की ओर से कोई अपील नहीं की गई।
हरियाणा में देश का सबसे बेहतर कर इंफ्रास्ट्रक्चर: दुष्यंत चौटाला
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कार्यक्रम में कहा कि हरियाणा सरकार ने व्यापारियों व उद्योगपतियों की भलाई के लिए यह नई योजना लागू की है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 46 हजार करोड़ रुपये कर एकत्रित कर लिए हैं। ओटीएस की यह नई स्कीम लागू होने के बाद हमारे व्यापारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा कर अधिवक्ता सहयोग करेंगे तो उम्मीद है कि 31 मार्च तक प्रदेश में कर संग्रह का आंकड़ा 66 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। विभाग को मुख्यमंत्री ने 58 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यापारियों और उद्योग संगठनों की मांग को पूूरा करते हुए गुरुग्राम और हिसार में जीएसटी ट्रिब्यूनल की शाखाएं स्थापित होंगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/सुनील
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