हिसार: मुख्यमंत्री ने एचएयू में किया प्रयोगशाला का उद्घाटन

हिसार: मुख्यमंत्री ने एचएयू में किया प्रयोगशाला का उद्घाटन
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हिसार: मुख्यमंत्री ने एचएयू में किया प्रयोगशाला का उद्घाटन


इस प्रयोगशाला में उच्च गुणवत्ता के बीमारी रहित 20 लाख पौधे प्रति वर्ष किए जा सकेंगे तैयार

हिसार, 24 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी महाविद्यालय में सेंटर फार माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोड उत्पादन की अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्चुअल माध्यम से किया। विश्वविद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा रहे व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने अध्यक्षता की।

हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला का स्थापित होना सौभाग्य की बात है और उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला से किसानों को सीधे रूप से फायदा होगा, जहां से तैयार किए पौधे हरियाणा ही नहीं अपितु उत्तर भारत के किसानों को उपलब्ध करवाएं जा सकेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे किसानों के हित में शोध कर कृषि क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा कि इस प्रयोगशाला का कृषि क्षेत्र में बहुत योगदान रहेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जो कि किसानों की सेवा के लिए हमेशा से ही तत्पर रहते हैं। इसी दिशा में विश्वविद्यालय में माइक्रोप्रोपेगेशन एंड डबल हेपलोड उत्पादन की अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोगशाला लगभग छह करोड़ रुपये में तैयार किया गया है। इस प्रयोगशाला में टिशू कल्चर विधि से विभिन्न पौधे तैयार करने की विधियां विकसित की गई है, जहां लगभग 20 लाख उच्च गुणवत्ता, बीमारी रहित एवं आनुवांशिक रूप से एक जैसे पौधे प्रति वर्ष तैयार किए जा सकेंगे। उन्होंनेे बताया कि इस प्रयोगशाला में गन्ना, केला, ब्रह्मी, एलोविरा, औषधीय पौधे एवं अन्य कृषि उपयोगी पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। भविष्य में भी हमारी कोशिश यह रहेगी कि हम ज्यादा से ज्यादा पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवा सकें।

बायोटेक्नोलॉजी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि यह प्रयोगशाला 2.5 एकड़ में फैली हुई है, जोकि तीन भागों में विभाजित है। पहला भाग प्रयोगशाला है, जोकि 6500 स्कवेयर फीट में स्थापित है, जिसमें पौधे परखनलियों में प्रयोगशाला में नियंत्रित तापमान एवं प्रकाश के अंदर विकसित किए जाते हैं। दूसरा भाग ग्रीन हाउस है, जोकि 1041 स्कवेयर फीट में बना हुआ है। जहां पर पौधों को नियंत्रित तापमान एवं आर्द्रता में विकसित किया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

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