गहन जांच के बाद खुलेंगी श्रम विभाग में हुए घाेटाले की परतें : अनिल विज

WhatsApp Channel Join Now

-तीन जिलाें में गड़बड़ी मिलने पर बढ़ाई जांच

चंडीगढ़, 30 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने श्रम विभाग में सामने आए 1500 करोड़ रुपए के वर्क स्लिप घोटाले पर कहा कि इसकी गहनता से जांच के बाद कई परतें खुलेंगी और कई बड़े दोषी सामने आएंगे।

मंगलवार को जारी जानकारी में विज ने कहा कि उन्होंने जब श्रम विभाग का चार्ज लिया था तब उनके सामने मामला आया था। एक आदमी ने हजारों लोगों की वेरिफिकेशन की थी। यह तकनीकी रूप से संभव नहीं है। जिसके बाद संदेह होने पर उन्होंने इस मामले की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी।

विज ने कहा कि निर्माण कार्य के जो मजदूर है उन्हें सरकार काफी लाभ देती है, उनके बच्चों का पीएचडी तक का सारा खर्चा, शादियों व बच्चे होने पर पैसे देती है, बीमारी होने पर इलाज के पैसे देती है। शर्त यह है कि लाभार्थी पंजीकरण होना चाहिए और इसके लिए वेरिफिकेशन होती है। जब उनके सामने आया कि एक-एक कर्मचारी ने कई-कई हजार लोगों को वेरीफाई किया है तो पहले उन्होंने तीन जिलों की समरी इंस्पेक्शन कराई जिसमें यही आरोप सही पाए गए। फिर उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में जांच कराई। मगर प्रदेश भर में जांच कराने के लिए श्रम विभाग के पास इतना स्टाफ नहीं था।

इसलिए जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर उन्हें अपने-अपने जिलों में रजिस्टर्ड कामगारों की सूचियां लेकर घर-घर जाकर जांच कराने को कहा गया था।

मामले में जांच हुई है और 13 जिलों की रिपोर्ट आई है और 9 जिलों की रिपोर्ट आनी बाकी है। 13 जिलों की रिपोर्ट देखकर हम हैरान रह गए कि पांच लाख 99 हजार 758 वर्क स्लिप में से केवल 53 हजार 249 ही वैध है जबकि बाकि सभी अवैध है। इसी प्रकार दो लाख 21 हजार 517 रजिस्टर्ड वर्कर में से केवल 14 हजार 240 वर्कर ही वैध है बाकी अवैध हैं। इसकी जांच अभी होना जरूरी है कि किसने पर्ची बनाई, कब से ले रहे हैं, किस-किस ने लिया, किसने इसे वैरीफाई किया, यह जांच में सामने आएगा और यह मामला और भी बड़ा हो सकता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

Share this story