हिसार: मनुष्य के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को ध्यान में रख हो कीट प्रबंधन: कुलपति कम्बोज
रिसेंट एडवांस इन इकोफ्रेंडली मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप पेस्टस् विषय पर 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स शुरू
21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स में देश के 6 राज्यों के वैज्ञानिक ले रहे हिस्सा
हिसार, 29 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वे वर्तमान समय की कीट समस्याओं को ध्यान में रखकर ही अनुसंधान कार्य करें। साथ ही ऐसे प्रबंधन उपायों की खोज पर भी बल दिया जाना चाहिए जो कीटों की रोकथाम भी करें तथा मनुष्य के स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हों। वे सोमवार को कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग में ‘रिसेंट एडवांस इन इको फ्रेंडली मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप पेस्टस’ विषय पर आयोजित 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
यह रिफ्रेशर कोर्स नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में उपरोक्त विश्वविद्यालय एवं सेंटर फॉर एडवांस फेकल्टी ट्रेनिंग (सीएएफटी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। कुलपति ने कहा कि जागरूकता के अभाव में किसान बिना वैज्ञानिक सलाह के फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों व रसायनों का मिश्रित छिडक़ाव कर रहे हैं, जो बहुत ही नुकसानदायक साबित हो रहा है। इससे न केवल पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। बल्कि फसलों पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। किसानों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निजात पाने के लिए हमें ऐसे प्रबंधन को शुरू करने की जरूरत है, जिससे हमें और आने वाली पीढिय़ों को इन समस्याओं से पुन: जूझना न पड़े और यहीं समय की बढ़ती मांग भी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बदलते जलवायु परिप्रेक्ष्य में फसलों पर कीटों की नई प्रजातियों का आक्रमण वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है। इसलिए वैज्ञानिकों को इन सब पहलुओं को ध्यान में रखकर अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिकों से एकीकृत नाश जीवी प्रबंधन के लिए पर्यावरण हितैषी उन्नत तकनीकों का विकास व उसके प्रचार-प्रसार पर बल दिया।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने प्रशिक्षुओं से जैविक खेती व रसायनों के आवश्यकता आधारित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शोध कार्य करने पर बल दिया। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने विश्वविद्यालय में शोध के लिए उपलब्ध सभी सुविधाओं एवं केंद्रों की विस्तार से जानकारी दी। कीट विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कोर्स निदेशक डॉ. सुनीता यादव ने सभी का स्वागत कर रिफ्रेशर कोर्स की विभिन्न गतिविधियों, रूपरेखा सहित अन्य संबंधित जानकारियां सांझा की।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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