25 अक्टूबर 1990 को फतेहाबाद से अयोध्या रवाना हुआ था कार सेवकों का जत्था

25 अक्टूबर 1990 को फतेहाबाद से अयोध्या रवाना हुआ था कार सेवकों का जत्था
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25 अक्टूबर 1990 को फतेहाबाद से अयोध्या रवाना हुआ था कार सेवकों का जत्था


कारसेवकों में शामिल मुरारी मदान ने 33 साल पहले के मंजर को किया बयां

फतेहाबाद, 9 जनवरी (हि.स.)। श्री अयोध्या धाम में रामजन्म भूमि पर बने भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर जिलेभर के रामभक्तों में जबरदस्त उत्साह है। श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर सैंकड़ों वर्ष तक रामभक्तों ने संघर्ष किया। इस संघर्ष में फतेहाबाद से भी अनेक रामभक्त इसका हिस्सा रहे हैं और वे भव्य राममंदिर के निर्माण को सपना साकार होना बता रहे हैं।

जिले के प्रमुख ट्रांसपोर्टर व समाजसेवी मुरारी मदान भी इन्हीं रामभक्तों में से एक हैं। मुरारी मदान ने 33 वर्ष पूर्व के संस्मरण को याद करते हुए बताया कि अपनी युवावस्था के दौरान जब वह एबीवीपी के महामंत्री थे, उस दौरान उन्हें भी सौभाग्यवश रामकाज में अपनी छोटी आहूति देने का अवसर मिला था। 33 साल पुरानी यादों को दोहराते हुए मुरारी मदान ने बताया कि 25 अक्टूबर 1990 के दिन वे तत्कालीन भाजपा विधायक बलबीर सिंह के नेतृत्व में फतेहाबाद से कारसेवकों के जत्थे के साथ फतेहाबाद से अयोध्या के लिए रवाना हुए थे।

यहां से रोडवेज बस में सवार होकर यह जत्था दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां से वे आगे अपने गंतव्य अयोध्या के लिए रवाना हुए लेकिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुलिस ने लखनऊ से उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद फतेहाबाद के सभी रामभक्त भाजपा विधायक के नेतृत्व में लखनऊ से पैदल ही अयोध्या की तरफ कूच कर गए। मुरारी मदान ने बताया कि इस दौरान बाराबंकी, गोंडा, रामस्नेही घाट एवं अन्य कई गांवों से होते हुए 4-5 दिन में वे लखनऊ से सरयू घाट तक जा पहुंचे।

मुरारी मदान ने बताया कि अगले दिन हम सब हनुमान गढ़ी रामजन्म भूमि स्थल की और बढ़े, हम जब राम जन्मभूमि स्थल से करीब 200 मीटर दूर थे, तब हमने कोलकाता की कोठरी बंधुओं सहित बहुत सारे रामभक्तों को गुंबद पर राम पताका लहराते देखा तो तभी मुलायम सिंह की पुलिस ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के रामभक्तों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। मुरारी मदान ने बताया कि उन्होंने स्वयं अपनी आंखों से कोठारी बंधु व अन्य कार सेवकों को गोली लगने के बाद गुंबद से नीचे गिरते देखा उसके बाद चारों तरफ भगदड़ मच गई। कुछ गोलियां उनसे चंद कदमों पर मौजूद कुछ रामभक्तों को भी लगी, जो उसी समय वहीं ढेर हो गए और वे भी स्वयं भी उस गोलीकांड में बाल-बाल बचे।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव

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