कैथल: सुरजेवाला की गद्दारी के कारण लोकसभा का चुनाव हारे सुशील गुप्ता: अनुराग ढांडा

कैथल: सुरजेवाला की गद्दारी के कारण लोकसभा का चुनाव हारे सुशील गुप्ता: अनुराग ढांडा
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कैथल: सुरजेवाला की गद्दारी के कारण लोकसभा का चुनाव हारे सुशील गुप्ता: अनुराग ढांडा


जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता और विधायक वहीं पर गठबंधन का हारना इत्तेफाक नहीं

कैथल, 7 जून (हि.स.)। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा है कि कांग्रेस के विधायकों और नेताओं के भीतर घाट के कारण कुरुक्षेत्र के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता को हर का सामना करना पड़ा। कैथल में सुरजेवाला की गद्दारी के कारण सुशील गुप्ता 17 हजार वोटों से हारे। वे शुक्रवार को यहां पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे।

कैथल में रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के इतने बड़े और राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं और कहते हैं कि कैथल में उनका सिक्का चलता है। ये समझ आता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में वो मुुश्किल परिस्थितियों में 500, 700 वोटों से रह गए थे। लेकिन ये समझ नहीं आता कि बीजेपी के खिलाफ विरोधी लहर होने के बावजूद, कैथल के कैंपेन का प्रतिनिधित्व करने वाले रणदीप सुरजेवाला के क्षेत्र में गठबंधन 17 हजार वोट पीछे कैसे रह गया। सुरजेवाला अपना बूथ भी नहीं बचा पाए। दूसरी तरफ थानेसर में अशोक अरोड़ा पिछ्ले विधानसभा चुनाव में 500 वोट से हारे थे। यदि उनके क्षेत्र में गठबंधन 18 हजार वोट से हार जाए तो ये सब इत्तेफाक नहीं हो सकता।

रादौर में और लाडवा में कांग्रेस के विधायक हैं। गजब इत्तेफाक है कि जहां जहां कांग्रेस के विधायक और कदावर नेता थे उन्हीं विधानसभा में गठबंधन हार जाता है। जहां गुहला चीका, कलायत, पेहवा और शाहबाद में कांग्रेस के नेता नहीं थे। वहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने कहा कि जो साजिशें कुरुक्षेत्र सीट पर की गई। हम प्रदेश के कार्यकर्ताओं को बुलाकर समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि इसको समझने के दो तरीके हो सकते हैं। या तो ये मान लिया जाए कि रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा का कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं रहा और लोगों ने इनको पूरी तरह से नकार दिया है।

यदि इनके नाम पर वोट पड़ता है तो फिर 17000 वोटों से कैसे हार गए इसका जवाब तलाशना पड़ेगा। हमारे कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के साथ मिलकर सभी सीटों पर जमकर मेहनत की, जिसकी वजह से कांग्रेस 5 सीटों पर जीती। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी इस बात से निराशा है कि ये जो भीतरघात जिस तरीके से हुआ है उसका खामियाजा कहीं न कहीं भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बिना कांग्रेस के गठबंधन के आम आदमी पार्टी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश /संजीव

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