जजपा विधायक देवेन्द्र बबली की खुली बगावत, कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान
फतेहाबाद, 19 मई (हि.स.)। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बगावत करने वाले पूर्व मंत्री देवेन्द्र बबली ने लोकसभा चुनाव में सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा को समर्थन देने का ऐलान किया है। रविवार को टोहाना में अपने समर्थकों की मीटिंग के बाद पूर्व मंत्री बबली ने यह निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि देवेन्द्र बबली के कांग्रेस को समर्थन देने से सिरसा सीट से कांग्रेस पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी।
दरअसल, पूर्व मंत्री देवेन्द्र बबली ने अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर अपने समर्थकों से वोटिंग करवाकर राय मांगी थी। इस वोटिंग में करीब 3 हजार लोगों ने भाग लिया। इसमें से 74 प्रतिशत लोगों ने पूर्व मंत्री पर फैसला छोड़ दिया था जबकि 17 प्रतिशत लोग चाहते थे कि बबली कांग्रेस में जाएं और 9 प्रतिशत लोगों ने भाजपा ज्वाइन करने के लिए वोट दिया था। इसके बाद पूर्व मंत्री ने अपनी कोर कमेटी के सदस्यों के इस रायशुमारी पर विचार किया और रविवार को टोहाना में बुलाई गई कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में फैसला लिया और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन की घोषणा कर दी। हालांकि उन्होंने अभी तक जजपा से इस्तीफा नहीं दिया है।
कार्यकर्ता बैठक में देवेंद्र बबली ने कहा कि उन्होंने अपना फैसला कोर कमेटी पर छोड़ा था। सदस्यों ने सिरसा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा का नाम लिया था। इस पर उन्होंने समर्थकों से चर्चा की तो उन्होंने सैलजा को समर्थन देने को लेकर हां कर दी। कोर कमेटी के मेंबर मोंटू अरोड़ा ने कहा कि कमेटी ने कई दिन इस पर चर्चा की। आखिरी में फैसला लिया गया कि इस बार हम लोग कांग्रेस के साथ जाएंगे। कारण यह रहा कि वर्ष 2019 में जब अशोक तंवर कांग्रेस में थे तो बबली की टोहाना से टिकट के लिए वह समर्थकों संग दिल्ली गए थे। जब बबली की टिकट की बात करने की बात आई तो तंवर वहां से चले गए। उसके बाद वहां कहा गया कि बबली के गुंडे आए हुए हैं। वहां उनके बारे में गलत बातें चलाई गई। यही कारण रहा कि उन्होंने इस बार कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला लिया है।
बता दें कि देवेंद्र बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा से कांग्रेस की टिकट न मिलने के बाद जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सुभाष बराला को करारी शिकस्त दी थी। बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया था। भाजपा-जजपा के बीच गठबंधन टूटने के बाद से बबली और जजपा के बीच काफी खटास आ गई थी।
कविता के माध्यम से जजपा छोडऩे के दिए थे संकेत
इसके बाद देवेंद्र बबली ने 23 दिन पहले ही पार्टी छोडऩे के संकेत दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आठ लाइन का शेर लिखा था। इसे लेकर उनके जजपा को अलविदा कहने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। बबली ने लिखा था कि ‘जो तुझ से लिपटी बेडिय़ां, समझ न इनको वस्त्र तू। ये बेडिय़ां पिघाल के, बना ले इनको शस्त्र तू। तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश है। तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है।’
बता दे कि देवेंद्र बबली को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का काफी करीबी माना जाता है। मनोहर सरकार की ओर से जब पंचायतों के लिए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, तब प्रदेशभर में पंचायतों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बबली हमेशा खड़े रहे, जबकि तत्कालीन सरकार के इस फैसले का उनकी ही पार्टी के मुखिया व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विरोध किया था।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/सुनील
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