जींद के कृषि उपनिदेशक को सरकार ने दी क्लीन चिट, निलंबन आदेश रद्द
सफीदों में अवैध आनलाइन बिक्री के खिलाफ कार्रवाई के बाद निलंबित किए गए थे
डीडीए
जांच कमेटी के समक्ष शिकायतकर्ता नहीं पेश कर पाए तथ्य, डीडीए को मिली क्लीन चिट
चंडीगढ़, 7 दिसंबर (हि.स.)। जींद जिले के सफीदों में कीटनाशक उत्पादन इकाई में अवैध रूप से आनलाइन ब्रिकी के खिलाफ कार्रवाई करने पर निलंबित किए गए कृषि उपनिदेशक को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। सरकार की ओर से कृषि उपनिदेशक डॉ.गिरीश नागपाल के निलंबन आदेश दिए गए हैं। यही नहीं, कोर्ट से निलंबन पर स्टे मिले और जांच कमेटी की रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने पर कृषि एवं कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल की ओर से निलंबन रद्द करने के आदेश जारी किए गए हैं।
जींद कृषि उपनिदेशक द्वारा सफीदों में अवैध तौर पर आनलाइन कीटनाशक उत्पादन इकाई की छापेमारी कर कार्रवाई की गई थी। छापेमारी के बाद सरकार में बड़े ओहदे पर बैठे व्यक्ति द्वारा डीडीए की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए सरकार को शिकायत की, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया। वहीं, शिकायत के तथ्यों जांच के लिए विभाग की ओर से जांच कमेटी गठित की गई, जिसमें शिकायतकर्ता को बार-बार जांच कमेटी की ओर से तथ्य प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया, लेकिन शिकायतकर्ता कोई तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया, इसके बाद कमेटी की ओर से डीडीए को क्लीन चिट दे दी गई।
यही नहीं, निलंबन के आदेशों के खिलाफ डीडीए डॉ. गिरीश नागपाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की ओर से याचिका पर सुनवाई करे हुए निलंबन के आदेशों पर स्टे दे दिया। यही नहीं, 13 नवंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को आखिरी मौका दिया। हाईकोर्ट ने सरकार से यह पूछा है कि कृषि उपनिदेशक के निलंबन का आधार क्या था और उन्हें किन परिस्थितियों में निलंबित किया गया था।
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी, इस दौरान सरकार को अपना जवाब दाखिल करेगी।
दो बार गठित की गई जांच कमेटी
कृषि उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने बताया कि सफीदों में स्थित कीटनाशक उत्पादन इकाई में अवैध आनलाइन बिक्री की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने टीम के साथ कीटनाशक उत्पादन इकाई में दबिश दी थी। 17 जुलाई 2024 को कीटनाशक उत्पादन इकाई में अवैध रूप से आनलाइन बिक्री के खिलाफ की गई छापेमारी कार्रवाई में कृषि विभाग की ओर से दो बार जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटियों की ओर से शिकायतकर्ता श्रवण कुमार को कई बार तथ्य पेश करने का आग्रह किया गया, लेकिन वे कोई सबूत व तथ्य पेश नहीं कर पाए।
अतिरिक्त निदेशक रोहताश सिंह और राजेंद्र सिंह सोलंकी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जांच कमेटियों द्वारा शिकायतकर्ता के आरोपों को खारिज करते हुए डीडीए को क्लीन चिट दी। मामले की जांच के लिए अगस्त व दिसंबर 2024 में कमेटी गठित की गई। आला अफसरों की दोनों जांच कमेटियों ने शिकायतकर्ता को पांच बार कमेटी के समक्ष पेश होकर संबंधित शिकायत के संदर्भ में सबूत और तथ्य पेश करने को कहा मगर एक बार भी शिकायतकर्ता कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

