जींद: कार्यकर्ता 100 दिन संघर्ष कर बना सकते हैं राज, कार्यकर्ता निराशा छोड़ कर शुरू करें काम : डा. अजय सिंह चौटाला

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जींद: कार्यकर्ता 100 दिन संघर्ष कर बना सकते हैं राज, कार्यकर्ता निराशा छोड़ कर शुरू करें काम : डा. अजय सिंह चौटाला


जींद , 11 जुलाई (हि.स.)। जननायक जनता पार्टी की जिला स्तरीय बैठक वीरवार को शहर की जाट धर्मशाला में हुई। इसमें जजपा के राष्ट्रीयाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व प्रदेशाध्यक्ष बृज शर्मा ने शिरक्त की। उन्हाेंने विधानसभा चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा, ताकि पूर्व में हुए लोकसभा चुनावों में हुई हार की निराशा को छोड़ कर वह विधानसभा चुनावों में पार्टी को एकतरफा बहुमत दिलवाने का काम करें।

जजपा के राष्ट्रीयाध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि कार्यकर्ताओं के पास 100 दिन का समय है। यह समय कम तो है, लेकिन कार्यकर्ता मेहनत करें तो वह अपने मुकाम को प्राप्त कर सक ते हैं। एमरजेंसी के दौरान 35 दिन के अंदर देश के अंदर सत्ता को बदल दिया गया था। उस समय स्वर्गीय चौधरी देवीलाल ने सभी राजनीतिक दलों को संगठित करके यह काम कर दिखाया था। उस समय कांग्रेस के पास 405 सांसद थे। जिनको बूरी तरह से हराया गया। अब हालात प्रदेश में भी यही है। कांग्रेस व भाजपा ने किसी वर्ग के लिए काम नहीं किया। जजपा ने सत्ता में रहते प्रत्येक वर्ग के लिए काम किए, लेकिन इन कार्यो को वह जनता के सामने पेश करने में सफल नहीं हुए। जिसका विरोधियों ने लाभ उठाया और जजपा का दुष्प्रचार शुरू कर दिया। जिसका विरोध पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नहीं किया और आजमन विरोधियों की बातों में आ गए। लोकसभा चुनाव में लोगों ने भाजपा को हराने का मन बनाया था, लेकिन इसका लाभ कांग्रेस को बिना किसी कारण मिल गया।

सांसद बनने पर ट्रैक्टर को कमर्शियल वाहन बनने से रोका

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि संसद में जाकर उन्होंने हरियाण के प्रत्येक किसान के ट्रैक्टर को कमर्शियल वाहन बनाने से रोकने का काम किया था। अगर वह आवाज उठाकर केंद्र सरकार को नहीं चेताते तो आज किसान टै्रक्टर को सड़क पर नहीं चला पाता। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने गृह जिले में परीक्षा, प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में 75 प्रतिशत आरक्षण, महिलाओं को पंचायतों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी, राशन डिपो में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के अलावा प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया। इसके अलावा पिल्लूखेड़ा से नारनौल तक लगभग 30 हजार एकड़ किसानों की फसल में हर वर्ष जलभराव होता था। उससे निजात दिलाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट पास करवाकर किसानों के हित के लिए काम किया। अब किसी किसान के खेत में जलभराव से फसल खराब नहीं होती। इसके लिए उन्होंने बड़ी व्यवस्था करवाई।

हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA

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