हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में 21 फरवरी से होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में 21 फरवरी से होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
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हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में 21 फरवरी से होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन


प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने जारी की सम्मेलन से संबंधित विवरणिका

हिसार, 15 दिसंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ‘सतत विकास के लिए पर्यावरण, खाद्य एवं जैव प्रौद्योगिकी में वैश्विक चुनौतियां (आईसीईएफबी 24)’ विषय पर 21 से 23 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शुक्रवार को इस सम्मेलन से संबंधित विवरणिका जारी की।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि इस सम्मेलन का आयोजन फूड टेक्नोलॉजी विभाग, बायो एंड नेनो विभाग, इनवायर्नमैंट साईंस एंड इंजीनियरिंग विभाग तथा जूलोजी विभाग के सौजन्य से किया जा रहा है। कुलपति प्रो. बिश्नोई ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी तथा टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने से हम बढ़ती आबादी को खिलाने की चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करने में सक्षम होंगे। साथ ही हमारे मूल्यवान पर्यावरण की रक्षा भी करेंगे, जिससे आने वाली पीढ़ियाें के लिए एक आशाजनक भविष्य सुनिश्चित होगा। इसे देखते हुए ऐसे वैश्विक आयोजन का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। यह सम्मेलन शिक्षाविदों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। सम्मेलन में दुनियाभर से विशेषज्ञ, शोधकर्ता एवं उद्योग पेशेवर, भोजन, पर्यावरण, जैव प्रौद्योगिकी व जीवन विज्ञान के क्षेत्र में स्थायी भविष्य के लिए नवीन समाधानों पर चर्चा करेंगे।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि आईसीईएफबी24 सम्मेलन का उद्देश्य इन क्षेत्रों में गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना तथा सतत विकास के लिए संभावित रास्ते तलाशना है। मुख्य भाषण, पेपर प्रस्तुतियां और मौखिक प्रस्तुतियां इस आयोजन के प्रमुख आकर्षण होंगे। इस सम्मेलन में पर्यावरण, भोजन एवं जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रसिद्ध शैक्षणिक या अनुसंधान संगठनों से संबंधित भारत व विदेश से सम्मानित मुख्य वक्ता शामिल होंगे।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि यह सम्मेलन विभिन्न पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों को मंच पर लाकर वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा। ज्ञान सांझा करने और नवीन विचारों की खोज के माध्यम से, सम्मेलन हमारे ग्रह के भविष्य को आकार देने का प्रयास करेगा। सम्मेलन की संयोजिका प्रो. आशा गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन प्रतिभागियों को ज्ञान का आदान-प्रदान करने, अनुसंधान निष्कर्षों को सांझा करने और सहयोग को बढ़ावा देने का एक अमूल्य अवसर प्रदान करता है, जो टिकाऊ प्रथाओं की उन्नति में योगदान कर सकता है। आईसीईएफबी 24 विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों को एकत्रित करके उत्पादक बातचीत को सक्षम करने और सतत विकास से संबंधित नई अवधारणाओं को बढ़ावा देना चाहता है। यह सम्मेलन अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से पहल और चर्चाओं को बढ़ावा देकर वैश्विक टिकाऊ लक्ष्य के जनादेश के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।

इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार एचआरएम प्रो. संदीप राणा, सम्मेलन के सह-संयोजक प्रो. राजेश लोहचब, प्रो. अनिल भानखड़ व प्रो. मनीष कुमार उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुनील

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