हिसार: शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, धार्मिक, नैतिक संस्कार जरूरी: तपोभूमि पृथ्वीराज
छात्र राष्ट्र के भाग्य विधाता, कर्णधार व देश की रीढ़
हिसार, 23 नवंबर (हि.स.)। अणुव्रत समिति के राष्ट्रव्यापी तीन दिवसीय कार्यक्रम आचार्य महाप्रज्ञ अलंकरण दिवस (जीवन विज्ञान दिवस) के रूप में देवी भवन हाई स्कूल में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य तपोमूर्ति मुनि श्री पृथ्वीराज के सानिध्य में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अणुव्रत गीत से हुआ। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल के निर्देशन में गुरुवार को हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य श्रीमती गर्ग ने की जबकि मंच संचालन सतपाल शर्मा ने किया।
इस अवसर पर मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि आज के युग में शिक्षा के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान बढ़ा है। वे अध्ययन करके उच्च से उच्च डिग्री प्राप्त करने का प्रयास करते हैं किंतु शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, धार्मिक, नैतिक संस्कार जरूरी है। अभिभावक प्रेशर ना दे अपनी रुचि के अनुसार क्षेत्र में आगे बढऩे का अवसर दें। अच्छे प्रतिभा संपन्न छात्र हमारे देश के समाज के गौरव हैं। विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब शारीरिक मानसिक भावनात्मक बौद्धिक चारों का संतुलन हो तभी चरित्र का विकास दृष्टिकोण सम्यक संवेगों पर नियंत्रण कर स्वास्थ्य के लिए सुखी जीवन व सहनशीलता का विकास हो सकता है। अणुव्रत विज्ञान जीवन जीने की कला है। जीवन विज्ञान क्या है शिक्षा का नया आयाम है। यह वैज्ञानिक पद्धति सीखने सिखाने में सरल है। छात्र पढ़ाई में डिग्री में अपना विकास करना चाहता है उसमें तीन सूत्र काम करते हैं लक्ष्य सिद्ध हो, सही लक्ष्य स्पष्ट हो, सही संकल्प हो व सही आचरण हो। अणुव्रत व्यक्तित्व निर्माण का कारखाना है।
तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि संस्कार निर्माण अणुव्रती जीवन विज्ञान विद्यार्थी की सबसे पहली पाठशाला है। परिवार माता-पिता दादा दादी उनको संस्कार देते हैं। बच्चा ज्यादा समय परिवार में रहता है, अच्छे संस्कारों से बच्चों का निर्माण हो सकता है। इस अवसर पर अनिल जैन उपाध्यक्ष, इंद्रास पांडे, राजकुमार सोनी, होम सिंह और स्कुल का स्टाफ उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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