झज्जर : फौजी पिता व दादा से सीखी देशभक्ति, बन गई लेफ्टिनेंट

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झज्जर : फौजी पिता व दादा से सीखी देशभक्ति, बन गई लेफ्टिनेंट


झज्जर, 4 नवंबर (हि.स.)। जब हौसला कर लिया ऊंची उड़ान का फिर देखना फिजूल है कद आसमान का। इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है झज्जर के छोटे से गांव कोट की रहने वाली नीशू फलसवाल ने। नीशू ने हाल ही में सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है। कई समाज सेवियों ने नीशू व उसके परिजनों को बधाई दी है।

नीशू फलसवाल के पिता और दादा दोनों ही सेना में अफसर थे। बचपन से ही नीशू का शौक था कि वह अपने पिता और दादा की तरह सेना की वर्दी पहनकर अपने परिवार, गांव, जिला और प्रदेश का नाम रोशन करे। पिता, ताऊ और दादा सभी सेना की मेडिकल कोर में थे।

नीशू ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई भी दिल्ली विश्वविद्यालय से की थी। उसकी कड़ी मेहनत के बलबूते ही उसको सेना में यह पद मिला है। सेना के दिल्ली कैंट स्थित सबसे बड़े अस्पताल से ट्रेनिंग लिए जाने के बाद नीशू ने लेफ्टिनेंट पद के लिए शपथ ली।

नीशू ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत के साथ-साथ अपने पिता, दादा और ताऊ में देश सेवा के प्रति जज्बे और तीन पीढ़ियों के सेना में भर्ती होने को बताया है।

बहादुर बेटी ने बताया कि उसे शुरू से ही सेना में भर्ती होने का शौक था। ताकि वह भी दादा कैप्टन दलपत सिंह, ताऊ सूबेदार राकेश कुमार और पिता सूबेदार विनोद कुमार की तरह सेना में भर्ती होकर सेना की वर्दी पहने और देश की सेवा करे।

नीशू की सफलता पर पूरे गांव के लोगों ने गर्व महसूस किया है। यहां के निवासी विजेंद्र कुमार ने कहा कि एक छोटे से गांव से निकल कर अपनी पढ़ाई के बलबूते ऐसा उच्च मुकाम हासिल करना आसान काम नहीं था जोकि नीशू ने कर दिखाया। सभी ने नीशू के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

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