हिसार: मौसम में नमी ज्यादा बढ़ने से ग्वार फसल पर बीमारियों तथा कीटों का प्रकोप बढ़ा : डाॅ. बीडी यादव

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हिसार: मौसम में नमी ज्यादा बढ़ने से ग्वार फसल पर बीमारियों तथा कीटों का प्रकोप बढ़ा : डाॅ. बीडी यादव


हिसार, 28 अगस्त (हि.स.)। जिले के खंड आदमपुर क्षेत्र में समय-समय पर बारिश होने पर मौसम में ज्यादा नमी बढ़ने से ग्वार फसल पर सफेद मक्खी व हरा तेला तथा बीमारियों का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। किसानों को कीटों व बीमारियों को ठीक से पहचान कर आवश्यकतानुसार दवाओं का उचित चयन करके प्रयोग करना चाहिए। अपनी मर्जी से दवा विक्रेताओं से दवा खरीद कर स्प्रे करने से कई बार नुकसान होने का डर रहता है। इसलिए ग्वार फसल में कीटों व फंगस की बीमारियों के उपाय के बारे में कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग की सलाह पर दवाई खरीदें।

यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत वैज्ञानिक डाॅ. बीडी यादव ने गांव चौधरीवाली में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कही। यह कार्यक्रम सेवानिवृत्त उपमंडल कृषि अधिकारी डाॅ. बृजलाल बेनीवाल के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह दी कि विक्रेता से दवाई खरीदते समय पक्का बिल अवश्य लें तथा दवा की बोतल पर समाप्ति तिथि अवश्य जांच करें। बिल कटवाते समय बिल में दवा का बैच नम्बर अवश्य लिखवाएं।

गोष्ठी के दौरान किसानों से रूबरू होने के बाद पता लगा कि ज्यादातर किसान ग्वार फसल की कीटों व बीमारियां जब 25 से 30 प्रतिशत प्रकोप हो जाता है उस समय किसान स्प्रे करने की सोचता है। उस अवस्था तक किसानों का काफी नुकसान हो चुका होता है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बीडी यादव ने किसानों को बताया कि ग्वार के पत्तों का किनारी से पीलापन, काला होना, जीवाणु अंगमारी व फंगस रोग आदि बीमारी दिखाई देने से पहले रोकथाम के लिए 30 ग्राम स्ट्रेप्टोसाईक्लिन व 400 ग्राम काॅपर आक्सीक्लोराईड को 200 लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। अगर इन बीमारियों के साथ हरा तेला व सफेद कीड़ों का प्रकोप हो तो उसकी पहचान करके इसके नियंत्रण के लिए 200-250 मि.ली. मैलाथियोन-50 ई.सी. या डाइमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी. प्रति एकड़ उपरोक्त घोल में मिलाकर पहला छिड़काव बिजाई के 40-45 दिन पर तथा अगला स्प्रे इसके 12-15 दिन अन्तराल पर करें। ऐसा करने से ग्वार की फसल की पैदावार पर अनुकूल असर पड़ता है। जो किसान उपरोक्त दवाइयों का प्रयोग बताए गए समय पर स्प्रे करते हैं उनकी पैदावार हटकर अलग से आती है। इस प्रोग्राम को आयोजित करने में गांव के सरपंच कुलदीप डेलू व गांव प्रगतिशील किसान सुशील कुमार का योगदान रहा। इसके अलावा इस अवसर पर सत्यपाल, राधेश्याम, विकास, छोटूराम, कुलदीप, विनोद कुमार, नरेश कुमार, सुग्रीव सहारन आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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