हिसार: आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक नई तकनीकों को पहुंचाने में समाजशास्त्रियों की अहम भूमिका: कम्बोज
एचएयू में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन
हिसार, 27 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग की ओर से कृषक समाज के सतत विकास एवं सामाजिक-आर्थिक उत्थान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हुआ। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. बीआर कम्बोज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार समाज का सबसे छोटा हिस्सा है इसलिए उसके सतत विकास के लिए उन्हे नई जानकारियां, नवाचारों व प्रौद्योगिकियों के प्रति प्रोत्साहित करना अनिवार्य है। इसी प्रकार देश के उत्थान में कृषक समाज का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए देश को विकास की पटरी पर लगातार बनाने रखने के लिए इनका उत्थान बहुत जरूरी है लेकिन नई तकनीकों कों किसानों व समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस प्रक्रिया में समाजशास्त्र से जुड़े विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होने कहा यदि नई तकनीकों को इजाद करने वाले विभाग और समाजशास्त्री एक साथ मिलकर काम करेंगे तो इसके बहुत सार्थक परिणाम प्राप्त होगें। उन्होंने आंकड़ा प्रबंधन व विश्लेषण को भी अहम बताया और कहा कि इससे हर जगह से मिल रही जानकारियों को दुरुस्त व त्रुटि रहित समाज तक पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए सरकारी व गैर-सरकारी शिक्षण-शोध संस्थानों को एक मंच पर आकर एकजुटता के साथ जानकारी सांझा करनी चाहिए। वर्तमान समय में खेती पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम बढ़ रहे हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न नवीनतम एवं उन्नत सस्य क्रियाएं मदद कर सकती हैं। इस अवसर पर कुलपति ने सम्मेलन में प्रस्तुत की गई मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतियों के विजेता रहे प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया।
समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमारी, सम्मेलन की आयोजक सचिव डॉ. जतेश काठपालिया व डॉ. रश्मि त्यागी ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की तमाम गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की। स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता व एनएएचईपी-आईडीपी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. केडी शर्मा ने आने वालों का स्वागत किया, जबकि मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. नीरज कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। कार्यशाला में मंच का संचालन डॉ. रिजुल सिहाग ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव
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