यमुनागर: परियोजना सिरे चढ़ी तो यह हरियाणा का सबसे बड़ा होगा बांध
-दिल्ली सहित मिलेगा हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश को होगा लाभ
-यमुना के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या से बड़ी राहत मिल सकेगी
यमुनानगर, 9 मार्च (हि.स.)। हरियाणा, यूपी, हिमाचल व दिल्ली को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हथिनी कुंड बैराज के पास लगभग 6134 करोड़ रुपये से बांध बनाने की परियोजना में पर्यावरण मंजूरी का पेच फंस गया है। इसी वजह से ये महत्वाकांक्षी परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रही है। सिंचाई विभाग ने अब इस मामले को दिल्ली में सेंटर वाटर कमिश्नर के समक्ष रखा है। इस संदर्भ में अब वहीं से आगामी आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।
परियोजना से जहां चारों राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा, वहीं बाढ़ की समस्या से भी काफी हद तक राहत मिलेगी। पांच साल से चल रही इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए फिलहाल हिमाचल प्रदेश की स्थिति में सवा लाख एकड़ भूमि को सिंचित भी किया जा सकेगा। यहां 14 किमी लंबा जलाशय बनाया जाना है। इस परियोजना में 5400 एकड़ भूमि का इस्तेमाल होगा। इसमें एनएच 73 का 11 किमी लंबा हिस्सा व नौ गांव दायरे में आएंगे। इनमें हरियाणा के चार व हिमाचल के पांच गांव शामिल हैं।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेंद्र कुमार ने शनिवार को बताया कि यह परियोजना महत्वपूर्ण हैं और इससे काफी लाभ होगा। लेकिन हिमाचल की तरफ से अभी तक परियोजना को पर्यावरण मंजूरी नहीं मिल पा रही है। कई बार हिमाचल सरकार से पत्राचार भी किया जा चुका है। अब यह केस दिल्ली में सेंटर वाटर कमिश्नर के समक्ष भी रखा जा चुका है। इस संदर्भ में वहीं से आदेश आएंगे। उसके बाद ही परियोजना आगे बढ़ पाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव
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