सोनीपत:सेवा के लिए मानव संवेदनशील हो यही भारतीय संस्कृति है:संघ चालक प्रताप

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सोनीपत:सेवा के लिए मानव संवेदनशील हो यही भारतीय संस्कृति है:संघ चालक प्रताप






सोनीपत, 18 अक्टूबर (हि.स.)। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,

मुरथल में आयोजित सेवा प्रबोधन कार्यक्रम में प्रांत संघ चालक प्रताप ने भारतीय संस्कृति

और सेवा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति हमें विभिन्न माध्यमों

से सेवा करने के लिए प्रेरित करती है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए। सेवा के साथ-साथ

संवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण भी जरूरी है। प्रांत संघ चालक प्रताप ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक युवा

राष्ट्र है और भारतीय युवा वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली

श्रेष्ठ है, और इसके बल पर हम भारत को विश्वगुरु बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति

के अनुकूल कार्य करने से ही मानव कल्याण संभव है। विवेकानंद का उदाहरण देते हुए प्रताप

ने कहा कि उनके पदचिन्हों पर चलकर हम भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बना सकते

हैं। यदि युवा स्वावलंबी और स्वस्थ होंगे, तो राष्ट्र सशक्त बनेगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने अध्यक्षीय

संबोधन में निस्वार्थ सेवा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सवेरा स्कूल का उदाहरण

देते हुए कहा कि इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा का अवसर मिल रहा है।

उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे केवल नौकरी पाने तक सीमित न रहें, बल्कि खुद

रोजगार सृजनकर्ता बनें। स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के कुलपति, पूर्व डीजीपी अशोक गर्ग

ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के गौरवमयी इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन

काल में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था और वह समय फिर से लौटेगा। देश के युवा इस बदलाव

के प्रमुख सूत्रधार होंगे। कार्यक्रम में प्रो. ए.के. सिंह, एनसीसी निदेशक लेफ्टिनेंट

डा. प्रदीप सिंह और अन्य प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना

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