सिरसा: किसान नेताओं के घरों पर नोटिस चस्पाना वायदा खिलाफी: लखविंद्र सिंह औलख

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सिरसा: किसान नेताओं के घरों पर नोटिस चस्पाना वायदा खिलाफी: लखविंद्र सिंह औलख


सिरसा: किसान नेताओं के घरों पर नोटिस चस्पाना वायदा खिलाफी: लखविंद्र सिंह औलख


-किसानों से लिखित में किए गए वायदे से मुकरी भाजपा सरकार

सिरसा, 24 नवंबर (हि.स.)। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज किये गये एक मामले में कार्रवाई शुरू की है। भारतीय किसान एकता (बीकेई) के प्रदेशाध्यक्ष व एसकेएम गैर राजनीतिक के सक्रिय सदस्य लखविंद्र सिंह औलख सहित कई किसान नेताओं को 24 नवम्बर को दिल्ली के सिविल लाईंस पुलिस स्टेशन में तलब किया है।

औलख ने कहा कि कुछ और किसान नेताओं को भी इस संबंध में पूछताछ के लिए जल्द ही दिल्ली पुलिस बुला सकती है। दरअसल दिल्ली पुलिस ने 26 नवम्बर 2020 को किसान आंदोलन के तहत गुरूद्वारा मजनू का टिल्ला रिंग रोड दिल्ली पर प्रदर्शन करने वाले कई किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इन नेताओं में लखविंद्र सिंह औलख के अलावा अभिमन्यू कोहाड़, शिव कुमार कका, बलदेव सिंह सिरसा, बीजू जी केरला, गुरलाल सिंह भंगू, जसबीर सिंह भाटी, सरदार सुखदेव सिंह विर्क, सरदार गुरनाम सिंह झब्बर, डा. के पी सिंह पलवल, डा. सुखदेव सिंह जम्मू, अक्षय नरवाल और रणजीत रैना शामिल थे। इसी बीच औलख ने दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाही को केन्द्र सरकार की वायदा खिलाफी बताते हुए कहा कि किसान संगठन ऐसी कार्यवाईयों से डरने वाले नहीं है और एसकेएम गैर राजनीतिक से जुड़े संगठन 26 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस कागजी खेल से न डराने, क्योंकि किसान खुद ही 26 फरवरी को दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को स्थगित करने के लिए केन्द्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को 9 दिसंबर को पत्र जारी करते हुए कहा था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केस (सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश) पूरे भारत में रद्द किए जाएंगे। अब यह सरकार अपने वादे से पीछे हटती हुई दिल्ली पुलिस की ओर से नोटिस जारी करवा रही है।

बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि 26 नवंबर 2020 को कई राज्यों के किसान आगुओं ने दिल्ली रिंग रोड जाम किया था, जहां से दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीन दिन गिरफ्तार रखा था। जिसके तहत 26 नवंबर 2022 को सिविल लाइन दिल्ली थाना में एफआईआर नंबर 522 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जो कि अभी तक रद्द नहीं किया गया है। जिससे बीजेपी की किसान विरोधी मंशा साफ झलक रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/संजीव

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