सिरसा: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एमरजेंसी जैसा माहौल बनाया: लखविंद्र सिंह औलख
-जिले में नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे पर लगे अवरोधक हटाए जाने की मांग
-आरोप, हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार शुभकरण सिंह की कातिल
सिरसा,25 फरवरी (हि.स.)। अपनी जायज मांगों को लेकर किसान देशभर में शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे, लेकिन सरकार ने अपनी तानाशाही नीतियों से प्रदेश में एमरजेंसी जैसा माहौल बना दिया है। लिंक मार्गों को बंद कर सरकार ने आम जनता को त्राहि-त्राहि करने पर मजबूर कर दिया है। उक्त बातें बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने रविवार को मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कही।
औलख ने बताया कि किसानों ने अब तक बहुत धैर्य के साथ सरकार के अत्याचार का मुकाबला किया है और सरकार समर्थक मीडिया के माध्यम से उन्हें भडक़ाने के सरकार के प्रयासों को विफल कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट संदेश है कि दिल्ली जाना हमारी जिद्द नहीं है और अगर सरकार हमारी सभी मांगों को स्वीकार करती है तो किसान अपने गांवों में लौट जाएंगे, लेकिन सरकार द्वारा हमारी मांगों को स्वीकार किए बिना दिल्ली मार्च को वापस नहीं लिया जा सकता है। सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और उसके कार्यों को पूरी दुनिया देख रही है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस के गुंडों ने स्वास्थ कर्मियों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्शा। एंबुलेंस में तोडफ़ोड़ की गई व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की गई। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को देश भर के किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए शंभू और खनौरी सीमाओं पर डब्ल्यूटीओ के खतरों पर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 26 फरवरी को देश के सभी गांव डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के पुतले जलाएंगे और उसी दिन दोपहर 3 बजे शंभू और खानौरी सीमा पर डब्ल्यूटीओ के बड़े-बड़े पुतले जलाए जाएंगे। इसी क्रम में 27 फरवरी को शंभू और खनौरी सीमाओं पर दोनों मंचों की बैठकें आयोजित की जाएंगी। 28 फरवरी को दोनों मंचों की एक संयुक्त बैठक होगी, जिसमें आंदोलन के आगामी प्रमुख कार्योंं के बारे में महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा 29 फरवरी को की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/संजीव
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