सिरसा: देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है शास्त्रीय संगीत: डा. संदीप गोयल
आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में म्यूजिकल इवेंट तथा लेक्चर डेमोंस्ट्रेशन आयोजित
सिरसा, 26 फरवरी (हि.स.)। आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थानीय राजकीय नेशनल महाविद्यालय के सभागार में सोमवार को म्यूजिकल इवेंट तथा लेक्चर डेमोंस्ट्रेशन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रिंसिपल डा. संदीप गोयल ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की और मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर पदम विभूषण से अलंकृत कलाकार पंडित सुभाष चंद्र घोष ने शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देकर सभागार में उपस्थितजनों को अपने वाद्धय यंत्र नव स्वर रागिनी की धुन से मंत्रमुग्ध कर दिया। सुभाष चंद्र घोष ने वीणा के माध्यम से रघुपति राघव राजा राम, चिट्ठी न कोई संदेश, जिंदगी और कुछ भी नहीं-तेरी मेरी कहानी है, इत्यादि गीतों की मधुर धुन से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में उनके साथ तबला वादक रजनीश धिमान, सुरेश शर्मा व अक्षय कौशल भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पहुंचने पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय बिढलान ने मुख्यअतिथि व अन्य अतिथिगण को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
प्रिंसिपल डा. संदीप गोयल ने कहा कि शास्त्रीय संगीत देश की समृद्ध संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के काल में केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा हर विधा व हर क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
नव स्वर रागिनी की लहरियों ने क्षण को बनाया यादगार
कार्यक्रम में संगीत के नए वाद्य यंत्र नव स्वर रागिनी की खोज करने वाले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीतकार पंडित सुभाष चंद्र घोष ने अपने वाद्य यंत्र नव स्वर रागनी के माध्यम से बजाई स्वर लहरियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम के हर क्षण को यादगार बना दिया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ 'भजन रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम से किया। उसके बाद उन्होंने सूफी संगीत की प्रस्तुति देते हुए 'तोसे नैना मिलायके गीत गाया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डा. संदीप गोयल ने अंतर्राष्ट्रीय संगीतकार पंडित सुभाष चंद्र घोष को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया। डीआईपीआरओ संजय बिढलान ने मुख्य अतिथि डा. संदीप गोयल को भी शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के लेखाकार मक्खन सिंह ने कुशल मंच संचालन किया।
हिन्दुस्थान समचार/रमेश/संजीव
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